Thursday, April 25, 2024
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11 हज़ार से ज्यादा हत्याओं की आरोपी है,ये 96 साल की महिला

जर्मनी में एक 96 साल की महिला पर हजारों लोगों की हत्या में सहायता करने और इसके लिए उकसाने के आरोप लगे हैं. मामले की सुनवाई के लिए वह मंगलवार को अदालत में पेश हुई. आरोपी महिला इर्मगार्ड फुरचनर (Irmgard Furchner) अतीत में नाजी कैंप में सेक्रेटरी के तौर पर काम कर चुकी है. वह बीते कई दशकों में ऐसी पहली महिला है, जिसपर नाजी युग में किए अपराधों के लिए इस वक्त मुकदमा चल रहा है. फुरचनर पर कब्जे वाले पोलैंड में स्टटथोफ शिविर में 11,000 से अधिक लोगों की हत्या में शामिल होने का आरोप है.

फुरचनर व्हीलचेयर पर बैठी हुई थी. वह अदालत में स्कार्फ और मास्क पहने पेश हुई, जिसके चलते उसका चेहरा भी ठीक से नजर नहीं आ रहा था. फुरचनर के खिलाफ कार्यवाही शुरू करने का यह दूसरा प्रयास है. इससे पहले वह 30 सितंबर को रिटायरमेंट होम से भाग गई थी (Irmgard Furchner Story). जहां वह रहा करती थी. वह इसलिए फरार हुई, ताकि अदालत में पेश ना होना पड़े. लेकिन कई घंटों की मशक्कत के बाद पुलिस ने उसे पास के शहर से पकड़ लिया. यहीं से फुरचनर को हिरासत में लिया गया. अदालत के प्रवक्ता फ्रेडरितायाक मिलहोफर ने बताया कि आरोपी को पांच दिन बाद ‘एहतियाती उपायों की शर्त पर’ रिहा कर दिया गया था.

कैंप में 65 लोग मारे गए थे

आरोपी इर्मगार्ड फुरचनर जून 1943 से अप्रैल 1945 के बीच कैंप कमांडर पॉल वर्नर होप के कार्यालय में काम करती थी. अभियोजकों का कहना है कि उसने एसएस अधिकारी के आदेशों को लिखा था. उस समय की नाजी पैरामिलिट्री को एसएस कहते थे. जो एडोल्फ हिटलर (Adolf Hitler) और उसके साथियों के क्रूर कामों को अंजाम देती थी. अभियोजक मैक्सी वांटजेन के अनुसार, डांस्क के पास स्टटथोफ कैंप में लगभग 65,000 लोग मारे गए थे, इनमें ‘यहूदी कैदी, पुर्तगाल और सोवियत रूस के युद्ध बंदी’ शामिल थे. उस वक्त फुरचनर करीब 18 साल की थी.

गैंस चैंबर में मारे गए लोग
वॉन्टजेन ने कहा कि स्टटथोफ में फुरचनर क्लर्क का काम करती था. उसके काम के कारण ही ‘कैंप में सुचारू रूप से सब काम होते थे’ और उसे सामूहिक हत्याओं सहित ‘स्टटथोफ में सभी घटनाओं का पता’ था. उन्होंने कहा कि लोगों को मारने के लिए गैस चैंबर्स में भेजा गया (Stutthof Death Camp). वहां वो रोते थे और बाहर निकलने के लिए दरवाजे पीटते थे. उनकी चीखें दूर तक सुनाई देती थीं. इसके अलावा कैंप में भोजन और पानी की कमी भी थी. टाइफस सहित कई घातक बीमारीयां फैल गई थीं. ऐसी स्थिति में भी लोगों को जानबूझकर रखा गया.

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