Thursday, March 28, 2024
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यासीन मलिक ने कबूले गुनाह,ये रही गुनाहों की सूची

जम्मू कश्मीर में आतंकवादी और अलगावादी वारदातों के लिए UAPA के आरोपी जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के चीफ मोहम्मद यासीन मलिक (Yasin Malik) ने NIA कोर्ट के सामने अपना गुनाह कबूल कर लिया है. मलिक पर UAPA की विभिन्न धाराओं, राजद्रोह और आपराधिक साजिश के आरोप लगाए गए है .

यासीन मलिक ने कबूल किए देशद्रोह के आरोप

यासीन मलिक (Yasin Malik) ने कहा है कि वो इन धाराओं के तहत लगाए गए आरोप को खारिज नहीं कर रहा है. इसका मतलब ये हुआ कि यासीन मलिक मुकदमा नहीं लड़ना चाहता और ऐसी सूरत में अदालत सीधे उसकी सजा पर जिरह करेगी. स्पेशल जज प्रवीण सिंह 19 मई को यासीन मलिक को दी जाने वाली सजा पर जिरह सुनेंगे. जो आरोप यासीन मलिक पर लगे है, उनमे उम्रकैद तक की सजा हो सकती है.

पाकिस्तानी आकाओं के इशारे पर कर रहे थे काम

इससे पहले 16 मार्च को कोर्ट ने यासीन मलिक, लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद, हिज्बुल मुजाहिदीन के चीफ सैयद सलाउद्दीन, अलगाववादी नेता शब्बीर शाह, मसर्रत आलम और बाकी लोगों पर आरोप तय करने का आदेश दिया था. कोर्ट का मानना था कि पाकिस्तानी आकाओं के इशारे पर और उनसे मिले फंड के जरिए ये कश्मीर को भारत से अलग करने का काम कर रहे थे.

इन आरोपियों पर चल रहा है मुकदमा

कोर्ट ने मंगलवार को जिनके खिलाफ कोर्ट ने औपचारिक रूप से आरोप तय  किए हैं. उनमें इंटरव्यू में 20 कश्मीरी पंडितों की हत्या की बात कबूल करने वाला फारूक अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे, शब्बीर शाह, मसर्रत आलम, मोहम्मद यूसुफ शाह, आफताब अहमद शाह, अल्ताफ अहमद शाह, नईम खान, मोहम्मद अकबर खांडे, राजा मेहराजुद्दीन कलवाल, बशीर अहमद भट, जहूर अहमद शाह वटाली, शब्बीर अहमद शाह, अब्दुल राशिद शेख और नवल किशोर कपूर सहित कई कश्मीरी अलगाववादी नेता शामिल है.

चार्जशीट में लश्कर-ए-तैयबा  के सरगना हाफिज सईद और हिजबुल मुजाहिदीन सरगना सैयद सलाहुद्दीन के खिलाफ भी आरोप लगाए गए हैं. लेकिन पाकिस्तान में बैठे होने की वजह से दोनों आतंकियों को भगोड़ा घोषित किया गया है. उनके खिलाफ सुनवाई चलती रहेगी.

वर्ष 2017 की हिंसा से जुड़ा है मामला

बताते चलें कि आतंकी बुरहानी की एनकाउंटर में मौत के बाद वर्ष 2016-2017 में कश्मीर घाटी में आतंकी घटनाओं में इजाफा हुआ था. उस दौरान कश्मीर घाटी में जमकर खून-खराबा हुआ था. जिसके बाद NIA ने यासीन मलिक (Yasin Malik) समेत बाकी अलगाववादियों के खिलाफ केस दर्ज कर उनकी गिरफ्तारियां शुरू की. मलिक ने जो आरोप कबूल किए हैं, वे देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने, हिंसा फैलाने और अलगाववादी आंदोलन शुरू करने से जुड़े हैं.

कश्मीरी पंडितों की हत्या पर अब तक सजा नहीं

यासीन मलिक (Yasin Malik) पर 1990 में एयर फोर्स के निहत्थे 4 अधिकारियों और कई बेगुनाह कश्मीरी पंडितों की हत्या का भी आरोप है. उन हत्याओं पर अब तक मलिक को सजा नहीं मिल पाई है. अगर कोर्ट में उन मामलों पर भी सुनवाई शुरू होती है तो यासीन मलिक को फांसी तक मिल सकती है.

अलगाववादी नेता यासीन मलिक (Kashmiri Separatist Leader Yasin Malik) ने कश्मीर में आतंकवाद (Terrorism In Kashmir)और अलगाववादी गतिविधियों से जुड़े मामले में आखिरकार खुद पर लगे सभी आरोपों को स्वीकार कर लिया। कश्मीर में युवाओं को भड़काने से लेकर एयरफोर्स अधिकारियों की हत्या, हाफिज सईद (Hafiz Saeed) के साथ मुलाकात, तत्कालीन गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी के अपहरण में भूमिका ऐसे कई आरोप यासीन मलिक पर लगे। हालांकि इन सब के बावजूद भी वो लंबे समय तक खुला घूमता रहा। यासीन मलिक ने मंगलवार दिल्ली की अदालत में UAPA के तहत दर्ज अधिकांश मामलों में अपने सभी आरोप स्वीकार कर लिए। यासीन मलिक को अब सजा मिलनी तय है। जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी और अन्य गैरकानूनी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए धन जुटाने के मकसद से दुनिया भर में उसने एक अपना नेटवर्क स्थापित कर लिया था। यासीन मलिक यासीन मलिक गुनाहों की फेहरिस्त काफी लंबी है।

यूएपीए की धारा 16 (आतंकवादी गतिविधि), 17 (आतंकवादी गतिवधि के लिए धन जुटाने), 18 (आतंकवादी कृत्य की साजिश रचने), व 20 (आतंकवादी समूह या संगठन का सदस्य होने) और भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) व 124-ए (देशद्रोह) के तहत खुद पर लगे आरोपों को यासीन मलिक चुनौती नहीं देना चाहता। विशेष न्यायाधीश 19 मई को मलिक के खिलाफ लगाए गए आरोपों के लिए सजा के संबंध में दलीलें सुनेंगे, जिनमें अधिकतम सजा आजीवन कारावास है। विशेष न्यायाधीश की ओर से पहले कहा गया था कि यह स्थापित हो चुका है कि मलिक और अन्य को आतंकवाद के लिये प्रत्यक्ष रूप से धन मिल रहा था।

हाफिज सईद के साथ पाकिस्तान में भूख हड़ताल
साल 2013 में यासीन मलिक और लश्कर ए तैयबा चीफ हाफिज सईद दोनों पाकिस्तान में भूख हड़ताल पर बैठे। अफजल गुरु को फांसी दिए जाने विरोध में पाकिस्तान में विरोध प्रदर्शन आयोजित किया गया था। इस भूख हड़ताल में एक साथ हाफिज सईद और यासीन मलिक साथ बैठे। भारत में इसको लेकर काफी हंगामा भी हुआ। विवाद बढ़ने के बाद यासीन मलिक की ओर से कहा गया कि मैं पाकिस्तान निजी कारणों से आया हुआ था। इस बीच अफजल गुरु के फांसी की खबर आई गई। मैंने इस्लामाबाद में प्रेस क्लब के सामने 24 घंटे की भूख हड़ताल का ऐलान किया। भूख हड़ताल के लिए किसी ने दावत नहीं दी थी। उस वक्त बीजेपी की ओर से यासीन मलिक का पासपोर्ट रद्द किए जाने की मांग की गई थी।

एरफोर्स के जवानों पर हमला, रच दी साजिश
25 जनवरी 1990 को श्रीनगर के बाहरी इलाके रावलपोरा में आतंकियों ने वायुसेना के जवानों पर हमला कर दिया। इस घटना में 40 लोग घायल हुए थे जबकि चार जवान शहीद हो गए थे। वायुसेना के जवान एयरपोर्ट जाने के लिए बस का इंतजार कर रहे थे तभी आतंकियों ने उनपर हमला कर दिया था। मलिक पर वायुसेना के जवानों पर घातक हमले की साजिश का आरोप लगा। यासीन मलिक ने अंतरराष्ट्रीय मीडिया को दिए इंटरव्यू में भी इस बात का जिक्र किया था।
अपहरण का आरोप और पाकिस्तान का कनेक्शन
1989 में तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबैया सईद के अपहरण में भी यासीन मलिक का हाथ बताया जाता है। पाकिस्तानी सपोर्ट और कश्मीर में अशांति फैलाने का मास्टरमाइंड यासीन मलिक हर वक्त घाटी में खुराफात करने की कोशिश में लगा रहता था। यासीन मलिक पर पाकिस्तान से हथियार लेने के भी आरोप लगे।

स्वतंत्रता संग्राम के नाम पर जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी और अन्य गैरकानूनी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए धन जुटाने के मकसद से दुनिया भर में यासीन मलिक ने नेटवर्क बना लिया। यासीन मलिक के अलावा अदालत ने फारूक अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे, शब्बीर शाह, मसर्रत आलम, मोहम्मद यूसुफ शाह, आफताब अहमद शाह, अल्ताफ अहमद शाह, नईम खान, मोहम्मद अकबर खांडे, राजा मेहराजुद्दीन कलवाल, बशीर अहमद भट, जहूर अहमद शाह वटाली, शब्बीर अहमद शाह, अब्दुल राशिद शेख, और नवल किशोर कपूर सहित अन्य कश्मीरी अलगाववादी नेताओं के खिलाफ आरोप तय किए।

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