Friday, March 29, 2024
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गलती से लग गए दो इंजेक्शन एक साथ,हो गया चमत्कार,85 से 90 फीसद होती वैसे,400 फीसद हो गयी एंटीबॉडी

पटना जिले के पुनपुन प्रखंड की 63 वर्षीय महिला को महज 10 मिनट के अंतराल पर भूल से कोवि-शील्ड और को-वैक्सीन की डोज दे दी गई थी। उसकी एंटीबाडी जांच के नतीजे चौंकाने वाले हैं। महिला के शरीर में 400 फीसद एंटीबाडी पाई गई है। वहीं, भारत सरकार के निर्देशानुसार निर्धारित समय पर एक वैक्सीन की दोनों डोज लेने के 21 दिन बाद 80 से 95 फीसद तक ही एंटीबाडी विकसित होती है। सिविल सर्जन डा. विभा कुमारी सिंह ने दस मिनट में दोनों वैक्सीन की डोज लेने वाली महिला में 400 फीसद एंटीबाडी विकसित होने की पुष्टि की है।

अपनी तरह का इकलौता रिपोर्टेड मामला 

पुनपुन प्रखंड की लखना पूर्व पंचायत निवासी 63 वर्षीय सुनीता देवी को 17 जून को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और डीएम कार्यालय के स्टेनो को 24 जून को एसके मेमोरियल हाल में थोड़ी देर के अंतराल में दोनों वैक्सीन की एक-एक डोज दे दी गई थी। महिला को बुखार आदि आने पर उसके स्वजनों ने पुनपुन पीएचसी में हंगामा किया। इसके बाद से डाक्टरों टीम लगातार उनकी निगरानी कर रही थी। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डा. एसपी विनायक ने बताया कि कुछ अंतराल पर वैक्सीन देने का एक मामला संज्ञान में आया था। 21 दिन बाद महिला की एंटीबाडी जांच कराई गई थी। उसके शरीर में अप्रत्याशित रूप से 400 फीसद एंटीबाडी पाई गई थी। दोबारा जांच कराने पर भी एंटीबाडी का स्तर वही था।

दूसरी डोज कब और किस वैक्सीन की, निर्देश का इंतजार 

पुनपुन पीएचसी प्रभारी डा. संजय कुमार ने बताया कि महिला अब पूरी तरह स्वस्थ है। उसकी एंटीबाडी की जांच रिपोर्ट भी वरीय अधिकारियों को भेज दी गई है। उसे दूसरी डोज कब और किस वैक्सीन की दी जाए जाए इस बाबत निर्देश मांगा गया है। भूल के जो परिणाम आए हैं वह शोध का विषय है, इसलिए सावधानी जरूरी है।

जितनी ज्यादा एंटीबाडी, उतनी अधिक सुरक्षा 

पीएमसीएच में माइक्रोबायोलाजी विभाग के अध्यक्ष डा. सत्येंद्र नारायण ङ्क्षसह के अनुसार शरीर में जितनी ज्यादा एंटीबाडी बनेगी, कोरोना के खिलाफ उतनी अधिक सुरक्षा मिलेगी। 400 फीसद एंटीबाडी बनने का मतलब है कि वह महिला एक वैक्सीन की दो डोज लेने वालों की तुलना में ज्यादा और अधिक समय तक सुरक्षित रहेगी।

वैक्सीन मिक्सिंग के आगे की बात 

पटना : उत्तर प्रदेश में 20 से अधिक लोगों ने निर्धारित समय पर एक के बजाय अलग-अलग वैक्सीन की डोज ली थी। जानकारी होने के बाद जब उनकी जांच कराई गई तो उनमें एक वैक्सीन की दो डोज लेने वालों से अधिक एंटीबाडी पाई गई। बिहार के पटना जिले में ही दो दर्जन से अधिक मामले वैक्सीन मिक्सिंग के हैं लेकिन किसी के शिकायत नहीं करने पर उनकी एंटीबाडी जांच नहीं कराई गई। सीरो सर्वे होने पर सिविल सर्जन ऐसे लोगों की एंटीबाडी जांच कराने की बात कह रही हैं। बताते चलें कि नीति आयोग की स्वास्थ्य समिति के सदस्य डा. वीके नायपाल ने भी वैक्सीन मिक्सिंग का परीक्षण कराने की बात कही है।

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