Friday, March 29, 2024
Uncategorized

पुराने वफादारो का साथ छोड़ने का नतीजा,उद्धव ठाकरे को एक और झटका,कांग्रेस एनसीपी पहले ही छोड़ चुके

थापा ने लंबे समय तक ठाकरे की सेवा की और मातोश्री के उन लोगों में से एक थे जो शिवसेना के संस्थापक के करीबी थे. उन्हें हर मौके पर ठाकरे के साथ देखा जा सकता था और 2012 में उन्हें बाल ठाकरे के आखिरी संस्कार में उद्धव ठाकरे के साथ देखा गया था.

महाराष्ट्र के पूर्व सीएम और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की मुश्किलें लगातार बढ़ती ही जा रही है. लगातार उन्हें झटके पर झटके मिल रहे हैं. सत्ता गंवाने के बाद नेताओं के उनके समर्थन वाले शिवसेना को छोड़कर जाने का सिलसिला तो लगातार जारी ही है. अब बाला साहब के करीबी सहायक ने भी उद्धव का साथ छोड़ दिया है. दिवंगत बाल ठाकरे के सहायक रहे चंपा सिंह थापा महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे के शिवसेना धड़े में शामिल हो गए.  ठाणे के तेम्बी नाका क्षेत्र में शिंदे ने थापा का स्वागत और अभिनंदन किया. शिंदे नवरात्रि के जुलूस में शामिल होने गए थे.

थापा ने लंबे समय तक ठाकरे की सेवा की और मातोश्री के उन लोगों में से एक थे जो शिवसेना के संस्थापक के करीबी थे. उन्हें हर मौके पर ठाकरे के साथ देखा जा सकता था और 2012 में उन्हें बाल ठाकरे के आखिरी संस्कार में उद्धव ठाकरे के साथ देखा गया था. थापा ने मीडिया को बताया कि उन्होंने शिंदे का पक्ष लिया था क्योंकि सीएम बालासाहेब की विचारधारा का पालन करते थे. जब मीडिया ने पूछा कि क्या उन्हें उद्धव की विचारधारा पसंद नहीं है, तो थापा ने कहा, “मैं उनकी विचारधारा के बारे में नहीं जानता, लेकिन मुझे लगा कि मुझे शिंदे साहब से जुड़ना चाहिए.
थापा ने बोला कि इसलिए मैं यहां आया और उनसे जुड़ गया.” सियासी विश्लेषकों का बोलना है कि थापा का यह कदम भले ही उद्धव धड़े के लिए झटका न हो, लेकिन यह शिंदे खेमे की प्रतीकात्मक जीत है. सियासी विश्लेषक मानते हैं कि इससे शिंदे खेमा यह दिखाने में सक्षम होगा कि उद्धव ठाकरे को छोड़कर बालासाहेब का सबसे करीबी भी उनके साथ हो गया है.

 

Leave a Reply