Tuesday, April 16, 2024
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कांग्रेस ने अब तक कुल 90 बार सरकार गिराई
इंदिरा गांधी ने 50 बार आर्टिकल 356 का दुरुपयोग किया

कांग्रेस ने चुनी हुई सरकारों को गिराने का सबसे ज्यादा काम किया.

वो कौन लोग हैं जिन्होंने आर्टिकल 356 का दुरुपयोग किया? एक प्रधानमंत्री ने आर्टिकल 356 का 50 बार दुरुपयोग किया और वो नाम है श्रीमती इंदिरा गांधी का. विपक्षी और क्षेत्रीय दलों की सरकारों को गिरा दिया गया. केरल में वामपंथी सरकार चुनी गई, जिसे नेहरू पसंद नहीं करते थे, उसे गिरा दिया गया. करुणानिधि जैसे दिग्गजों की सरकारें गिरा दी गईं. एनटीआर के साथ कांग्रेस ने क्या किया.’
कांग्रेस ने हर क्षेत्रीय नेता को परेशान किया. 90 बार चुनी हुई सरकारों को गिरा दिया. कांग्रेस सरकार ने डीएमके और वामपंथी सरकारों को गिरा दिया.

पीएम मोदी ने जिस आर्टिकल 356 का जिक्र किया, उसे आम भाषा में राष्ट्रपति शासन कहा जाता है. देश में अब तक 132 बार अलग-अलग राज्यों में राष्ट्रपति शासन लगाया जा चुका है. इनमें से तकरीबन 90 बार राष्ट्रपति शासन तब लगा, जब केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी. ऐसे में ये समझते हैं कि आखिर आर्टिकल 356 क्या है? और इसका कांग्रेस से कैसे संबध है?

क्या है आर्टिकल 356?
आर्टिकल 356 को हम आसान भाषा में राष्ट्रपति शासन के रूप में जानते हैं. इसके तहत किसी राज्य में संवैधानिक तंत्र की विफलता या संविधान के उल्लंघन की स्थिति में सरकार को भंग किया जा सकता हैं. जब किसी राज्य में ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है तो राज्यपाल उस समय राष्ट्रपति शासन के लिए अनुशंसा कर सकता है.
आमतौर पर इसे 6 महीने के लिए लगाया जाता है लेकिन यदि राज्य में स्थिति सामान्य नहीं हुई तो इसे अधिकतम 3 साल तक के लिए बढ़ाया भी जा सकता है. जिस राज्य में राष्ट्रपति शासन लग जाता है, वहां की सारी व्यवस्था सीधे राष्ट्रपति के हाथ में आ जाती है.
लेकिन राष्ट्रपति मंत्रिपरिषद की सलाह पर काम करते हैं, इसलिए इसका मतलब हुआ कि यहां का पूरा शासन केंद्र के हाथ में आ जाता है. राष्ट्रपति शासन को कभी भी हटाया जा सकता है.
कब लगता है राष्ट्रपति शासन?

आमतौर पर राष्ट्रपति शासन लागू होने के दो आधार होते हैं. पहला, अगर राष्ट्रपति, राज्यपाल की रिपोर्ट को स्वीकार कर लें कि राज्य सरकार संविधान के उपबंधों के अनुसार नहीं चल रही है. दूसरा, अगर राज्य, केंद्र सरकार की ओर से दिए गए निर्देशों का पालन करने या उसे लागू करने में विफल रहता है. दूसरे प्रावधान का जिक्र आर्टिकल 365 में है.
इसके अलावा अगर विधानसभा चुनाव में किसी भी दल या गठबंधन को बहुमत ना मिले या विधानसभा अपना मुख्यमंत्री ना चुन पाए तो ऐसी स्थिति में भी राष्ट्रपति शासन लग जाता है.
पहली बार कब हुआ आर्टिकल 356 का प्रयोग?
आर्टिकल 356 का सबसे पहला इस्तेमाल पंजाब में 20 जून 1951 को किया गया था. तब इसे 302 दिनों तक लागू रखा गया था. इसके अलावा 1959 में केरल की लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकार को भी आर्टिकल 356 का इस्तेमाल करके बर्खास्त कर दिया गया था.
ऐसा माना जाता हे कि 70 और 80 के दशक में विपक्ष की सरकारों को गिराने के लिए केंद्र सरकार ने संविधान के इस अनुच्छेद का खूब दुरुपयोग किया. आर्टिकल 356 के दुरुपयोग का सबसे ज्यादा आरोप पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर लगता है.

 

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