Friday, March 29, 2024
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भाजपा को मिलेगा नया अध्यक्ष, जे पी नड्डा की बिदाई

BJP Next President: किसी भी चुनाव के नतीजे केवल परिणाम व सदन के बारे में ही नहीं बताते हैं।बल्कि चुनावी नतीजे कई और संदेश देते हैं। हाल के हिमाचल और गुजरात के चुनावी नतीजों से निकली इबारत पढ़ी जाये तो साफ़ है कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा और गुजरात भाजपा अध्यक्ष सी.आर. पाटिल के लिए अलग अलग संदेश है। जे.पी.नड्डा (J.P.Nadda) के लिए हिमाचल चुनाव की पराजय से संदेश यह है कि उन्हें दूसरा कार्यकाल नहीं मिलने वाला है। जबकि गुजरात चुनाव के नतीजे चंद्रकांत रघुनाथ पाटिल (सी.आर. पाटिल ) (Chandrakant Raghunath Patil) के लिए यह संदेश देते हैं कि परफ़ॉर्मेंस और डिलीवरी पाटिल को अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष बना सकती है। इसकी घोषणा अगले साल के जनवरी माह में होने की उम्मीद की जा रही है।

सी.आर.पाटिल के नाम पर विचार

हालाँकि इन दोनों राज्यों के चुनावी नतीजों के पहले यह लग रहा था कि जे.पी. नड्डा को दूसरी बार मौक़ा मिल सकता है। क्योंकि ठीक एक साल बाद लोकसभा के चुनाव है। नये अध्यक्ष के लिए यह काल बहुत कम बैठता है। पर यदि जे.पी. नड्डा को हटाना किसी कारणवश ज़रूरी होता तो केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने का मौक़ा मिल सकता था। पर आज पार्टी सी.आर.पाटिल के नाम पर गंभीरता से विचार कर रही है । उसे इसके कई फ़ायदे नज़र आ रहे हैं। मसलन, पाटिल के बनने से भाजपा को महाराष्ट्र में भी बहुत फ़ायदे की उम्मीद है। पाटिल मराठा हैं। वह जितनी दक्षता से गुजराती बोल लेते हैं, उतने ही मराठी बोलने में निपुण हैं। इनका जन्म 1955 में महाराष्ट्र के जलगाँव में हुआ था।

चुपचाप अपना काम करने में यक़ीन करते हैं सी.आर. पाटिल

गुजरात की अब तक की सबसे बड़ी विजय के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने संसदीय दल की बैठक में पाटिल की भूरि भूरि प्रशंसा की । उनके सांगठनिक क्षमता की भी प्रधानमंत्री ने तारीफ़ की। गुजरात की जीत का बहुत बड़ा श्रेय पाटिल को दिया। पाटिल की तारीफ़ करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सी.आर. पाटिल चुपचाप अपना काम करने में यक़ीन करते हैं, वह फ़ोटो खिंचवाने की प्रतियोगिता में नहीं रहते, वह मंच पर बैठने की होड़ में भी नहीं रहते। कार्यकर्ताओं के बीच में चुपचाप काम करते हैं। और रिज़ल्ट देते हैं।2017 में जब लग रहा था कि भाजपा सूरत में बुरी तरह हार जायेगी तो वह सी.आर. पाटिल ही थे, जो सूरत में इतनी बड़ी जीत दिला कर लाये। इसके बाद जब आम आदमी पार्टी को निकाय चुनाव में कुछ सीटें मिल गईं तो यह चर्चा हुई कि 2022 में सूरत में भाजपा के लिए बहुत मुश्किल है। पर सूरत की सभी सीटें भाजपा जीत गई।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनाव क्षेत्र वाराणसी के प्रभारी रह चुके हैं पाटिल

पाटिल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनाव क्षेत्र वाराणसी के प्रभारी रह चुके हैं। ग़ौरतलब है कि बीते विधानसभा चुनाव में भाजपा को 156 सीटें मिलीं । जो गुजरात के अब तक के सभी चुनावों में किसी पार्टी द्वारा हासिल सबसे बड़ा रिकार्ड है। इससे पहले 182 सदस्यों वाली गुजरात विधानसभा में कांग्रेस पार्टी को 1985 में 149 सीटें मिली थीं

67 साल के सी आर पाटिल ने आईटीआई की पढ़ाई गुजरात के सूरत से की। फिर पुलिस में सिपाही बन गये। सूरत में ही इन्हें तैनाती मिली। बाद में पुलिस की नौकरी छोड़ दी। को-ऑपरेटिव बैंक का संचालन करने लगे। इन्हें राजनीति में लाने वालों में नरेंद्र मोदी का नाम आता है। 2009 में गुजरात के नवासारी सीट से लोकसभा का चुनाव लड़े। इस क्षेत्र से लगातार सांसद चुने जा रहे हैं। इस चुनाव में पाटिल को करीब 4.25 लाख से ज्यादा वोट मिले। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी धनसुख राजपूत को हराया। पाटिल ने इसके बाद फिर कभी पलटकर नहीं देखा। साल 2014 बीजेपी के लिए महत्वपूर्ण वर्ष था। 2014 लोकसभा चुनाव में सीआर पाटिल ने नवसारी के 70.72 प्रतिशत वोटों पर कब्जा जमाया। इस चुनाव में देश में मोदी लहर थी।पाटिल ने रिकॉर्ड 5 लाख 58 हजार 116 मतों से जीत हासिल की। उसके बाद 2019 लोकसभा चुनाव में उन्हें 74.37 फीसदी वोट हासिल हुए। सीआर पाटिल इस चुनाव में देशभर में सर्वाधिक मतों से जीतने वाले सांसद बने। उन्होंने 6,89,688 वोटों से कांग्रेस प्रत्याशी को हराया था।

2009 में ही अपने संसदीय क्षेत्र में इन्होंने पन्ना प्रमुख की प्रणाली को लाँच किया।

गुजरात के हालिया चुनाव में इनने चौरासी लाख पन्ना प्रमुख बनाये। एक पन्ना प्रमुख को केवल तीन वोट लाने थे। इससे पहले स्थानीय निकाय व उप चुनाव में में भी इसे वह आज़मा चुके हैं। जनता की समस्याओं को सुनने के लिए संसदीय क्षेत्र में बना इनका कार्यालय आईएसओ प्रमाणित है। केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं की स्थिति की इनके चुनाव क्षेत्र में रेगुलर मॉनिटरिंग होती है। पाटिल की गिनती गुजरात में बीजेपी के सबसे अमीर नेताओं में होती है। गुजरात इलेक्शन वॉच एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म की मानें तो पाटिल के पास 44.6 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति है। जबकि, उनके ऊपर 5.68 करोड़ रुपए का कर्ज भी है। पाटिल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कोर टीम के सदस्य के रूप में ज्यादा जाना जाता है।

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