Thursday, April 18, 2024
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प्रियंका, राहुल मिल कर चला रहे छतीसगढ़, दिखाने को एक ने दिया बघेल को,एक नए दिया सिंहदेव को टेका

छत्तीसगढ़ में नेतृत्व को लेकर कांग्रेस में अनिश्चितता बनी हुई है.

शुक्रवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के साथ चार घंटे तक चली मुलाक़ात के बाद भी कोई स्पष्ट घोषणा नहीं की जा सकी.

अंग्रेज़ी अख़बार द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक़ बघेल खेमा फ़िलहाल आश्वस्त लग रहा है.

कांग्रेस महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल और पार्टी मामलों के छत्तीगढ़ प्रभारी पीएल पुनिया भी इस मीटिंग में मौजूद थे. मुलाक़ात के बाद भूपेश बघेल ने संवाददाताओं को बताया कि राहुल गांधी ने उनके निमंत्रण पर राज्य सरकार की विभिन्न मोर्चों पर उपलब्धियों को देखने के लिए छत्तीसगढ़ आने की सहमति दी है.

हालांकि भूपेश बघेल से जब पत्रकारों ने ये पूछा कि क्या राहुल गांधी ने उनकी सरकार के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव को ये आश्वासन दिया है कि मुख्यमंत्री पद का कार्यकाल दोनों नेता शेयर करेंगे तो वे उस सवाल को टाल गए.

भूपेश बघेल ने ये दावा किया कि ये मु्द्दा तीन दिन पहले ही मंगलवार को पीएल पुनिया और राहुल गांधी की मुलाक़ात के बाद सुलझ गया था. उन्होंने कहा, “हमारे राज्य प्रभारी पीएल पुनिया ने इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण दिया है. जब वे इस पर बोल चुके हैं तो अब मैं क्या कहूं.”

पीएल पुनिया ने कहा था कि राज्य में नेतृत्व में बदलाव पर कोई चर्चा नहीं हुई है. भूपेश बघेल ने कहा कि उस मीटिंग के दौरान राज्य के राजनीतिक और प्रशासनिक मुद्दों पर चर्चा हुई थी.

बघेल ने कहा, “मीटिंग के आख़िर में मैंने राहुल गांधी को राज्य की यात्रा पर आने का निमंत्रण दिया है ताकि वे हमारा कामकाज़ देख सकें और उन्होंने इसे सहर्ष स्वीकार किया है. वे अगले हफ़्ते छत्तीसगढ़ आ रहे हैं.”

इस सवाल पर कि क्या वे मुख्यमंत्री पद पर बने रहेंगे, भूपेश बघेल ने कहा, “मैंने राहुल गांधी को छत्तीसगढ़ आने का निमंत्रण राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में दिया है.”

हिंदू अख़बार के मुताबिक़ सूत्रों का कहना है कि राजनीतिक परिस्थितियां फ़िलहाल भूपेश बघेल के पक्ष में दिख रही हैं. वे राहुल और प्रियंका को ये समझाने में कामयाब रहे हैं कि राज्य में पार्टी की भलाई उनके साथ बने रहने में है.

सूत्रों का कहना है कि प्रियंका गांधी मंगलवार की मीटिंग में दिल्ली में न होने की वजह से शामिल नहीं हो पाई थीं, इसलिए बघेल को उनके मौजूद रहने पर एक बार और दिल्ली आने के लिए कहा गया था.

पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि राहुल गांधी टीएस सिंह देव को दिए वादे से बंधे हुए हैं जबकि प्रियंका गांधी चाहती हैं कि भूपेश बघेल पद पर बने रहें. भूपेश बघेल अन्य पिछड़ा वर्ग से आते हैं, इसलिए प्रियंका गांधी का ये मानना है कि उत्तर प्रदेश चुनाव से पहले नेतृत्व में कोई बदलाव किया गया तो इससे ग़लत संदेश जाएगा.

छत्तीसगढ़ में ओबीसी समूहों की बड़ी आबादी है और बीजेपी भी साल 2023 के चुनाव से पहले किसी भरोसेमंद पिछड़े चेहरे को सामने लाने की कोशिश कर रही है.

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