Friday, March 29, 2024
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BREAKING NEWS: चीन में तख्तापलट की बड़ी खबर,चीनी सेना बड़ी बीजिंग की तरफ,चीनी मीडिया की चुप्पी अधिकारी चुप

चीन से यूं तो खबरों का बाहर आना बहुत कठिनाई होता है लेकिन अभी सोशल मीडिया के जरिए जो बातें सामने आ रही हैं उससे ऐसा लग रहा है कि चीन में सियासी और सेना हालात कुछ अच्छे नहीं हैं. अपुष्ट खबरों के अनुसार वहां की सेना (PLA) ने राजधानी बीजिंग को अपने कब्जे में ले लिया है. राजधानी पूरी तरह से सेना के नियंत्रण में है. बीजिंग अब पूरी दुनिया से कट गया है. वहां बड़ी तादाद में सेना पहुंच गई है साथ ही घरेलू और अंतराराष्ट्रीय उड़ानों पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है. सोशल मीडिया पर ऐसी भी खबरें हैं कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग को पीएलए प्रमुख के पद से हटाने के बाद उन्हें हाउस अरेस्ट कर लिया गया है. हालांकि, इन खबरों की अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है.  

दरअसल, बीजेपी नेता सुब्रमणयम स्वामी ने इस संदर्भ में ट्वीट कर कहा कि नई अफवाह की जांच की जाएगी: क्या शी जिनपिंग बीजिंग में नजरबंद हैं? जब शी हाल ही में समरकंद में थे, तब चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के नेताओं को माना जाता था कि उन्होंने शी को पार्टी के सेना प्रभारी से हटा दिया था। फिर हाउस अरेस्ट हुआ। तो अफवाह चला जाता है।

यूं तो चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग खुद को सुर्खियों की दुनिया से अलहदा रखना ही मुनासिब समझते हैं, लेकिन अभी खुद को सुर्खियों में आने से रोक नहीं पा रहे हैं। कभी फेसबुक, तो कभी ट्विटर, तो कभी गूगल और ना जाने कहां-कहां उनके नाम की खबरों ने खबरों की दुनिया में तहलका मचा कर रख दिया है। दरअसल, एकाएक ऐसी खबर सामने आई, जिसमें यह सनसनीखेज दावा किया गया कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को हाउस अरेस्ट कर दिया गया है और तो और उन्हें राष्ट्रपति के पद से बर्खास्त करने के बाद पीपुल्स लिबरेशन पार्टी ने चीन की सत्ता पर कब्जा जमा लिया है और कियाओमिंग खुद राष्ट्रपति की कुर्सी पर विराजमान हो चुके हैं। ध्यान रहे कि ऐसा सिर्फ और सिर्फ दावा किया जा रहा था और यह दावा किसी एक शख्स के द्वारा नहीं, बल्कि कई लोगों के द्वारा सोशल मीडिया पर किया जा रहा है, लेकिन जब ऐसा ही दावा बीजेपी नेता सुब्रमणयम स्वामी ने अपने ट्वीट में किया तो खबरों की दुनिया में नया तूफान आ गया।
china president xi jinping house arrest fack checker social media rumor -  चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग हो गए नजरबंद? चीन में क्यों हैं चर्चाएं तेज,  क्या है माजरा

चलिए, आगे हम आपको सुब्रमणयम स्वामी के ट्वीट के बारे में विस्तार से बताते हैं, लेकिन उससे पहले आप यह जान लीजिए कि आखिर इस खबर का स्रोत क्या है, तो आपको यह जानकर एक पल के लिए आश्चर्य हो सकता है कि अभी तक ना ही चीनी मीडिया ने और ना ही चीनी के किसी आलाधिकारियों ने इस संदर्भ में किसी भी प्रकार की सफाई पेश कर कोई बात कही है। ऐसी स्थिति में इस पूरे मसले को लेकर कयासों का बाजार भी गुलजार हो चुका है। लेकिन, अभी तक किसी भी अंतरराष्ट्रीय़ डेस्क में काम करने वाले पत्रकारों की ओर से इस पर किसी भी प्रकार का बयान जारी नहीं किया गया है और ना ही इसकी विश्ननयीता पर मुहर नहीं लगाई गई है, तो ऐसी स्थिति में इस पर किसी भी प्रकार की टिप्पणी करना उचित नही रहेगा, लेकिन इस पूरे मामले में बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुब्रमणयम स्वामी ने क्या कुछ ट्वीट कर कहा है। आइए, आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं।

दरअसल, बीजेपी नेता सुब्रमणयम स्वामी ने इस संदर्भ में ट्वीट कर कहा कि नई अफवाह की जांच की जाएगी: क्या शी जिनपिंग बीजिंग में नजरबंद हैं? जब शी हाल ही में समरकंद में थे, तब चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के नेताओं को माना जाता था कि उन्होंने शी को पार्टी के सेना प्रभारी से हटा दिया था। फिर हाउस अरेस्ट हुआ। तो अफवाह चला जाता है। बता दें कि उन्होंने अपने ट्वीट में इन अफवाहों की जांच करने की मांग की है, ताकि मामले की सच्चाई सामने आ सकें।

 

 

सेंट्रल गार्ड ब्यूरो पर शी जिनपिंग का कंट्रोल नहीं

न्यूज हाइलैंड विजन की एक अन्य रिपोर्ट में बोला गया है कि पूर्व चीनी राष्ट्रपति हू जिंताओ और पूर्व चीनी पीएम वेन जिबाओ ने स्टैंडिंग कमेटी के पूर्व सदस्य सोंग पिंग को अपने पक्ष में राजी कर लिया और सेंट्रल गार्ड ब्यूरो  (Central Guard Bureau) पर अपना कंट्रोल बना लिया. सोंग पिंग के कंट्रोल में सेंट्रल गार्ड ब्यूरो है. बता दें कि सेंट्रल गार्ड ब्यूरो  पोलित ब्यूरो के स्थायी समिति के सदस्यों और सीसीपी के अन्य नेताओं को सुरक्षा प्रदान करता है. यही शी जिनपिंग की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी संभालता है.

बीजिंग को PLA ने अभेद्य किले में परिवर्तित किया

सोशल मीडिया पर ऐसी खबरें तेजी से फैल रही हैं कि बीजिंग को सेना ने किले परिवर्तित कर दिया है और शी जिनपिंग अब राष्ट्रपति का अधिकार नहीं रह गया है. जेनिफर जेंग के ट्विटर हैंडल से एक ऐसा वीडियो सर्कुलेट किया गया है जिसके बारे में यह बताया जा रहा है कि वीडियो बीजिंग का है. बीजिंग के बाहर सेना का एक बड़ा काफिला हाईवे पर नजर आ रहा है. बताया जा रहा है कि पीएलए के सेना गाड़ी 22 सितंबर को बीजिंग की ओर जा रहे थे. यह काफिला करीब 80 किमी लंबा है. बीजिंग के पास हुआनलाई काउंटी से प्रारम्भ होकर सेना की गाड़ियों का यह काफिला झांगजियाकौ शहर में समाप्त हुआ. इस काफिले की लंबाई करीब 80 किमी तक है. इस ट्वीट में भी इस बात का जिक्र है कि शी जिनपिंग को उनके पद से हटा दिया गया है और उन्हें हाउस अरेस्ट कर लिया गया है.

समरकंद से लौटते ही जिनपिंग को किया हाउस अरेस्ट

अपुष्ट खबरों के अनुसार जैसे ही हू जिंताओ और वेन जिबाओ ने सीजीबी का कंट्रोल अपने पास लिया इसकी सूचना उन्होंने जियांग ज़ेंग और बीजिंग में केंद्रीय समिति के सदस्यों को टेलीफोन के माध्यम से दी. मूल स्थायी समिति के सदस्यों ने उसी समय शी जिनपिंग के सेना अधिकार को खत्म कर दिया. ऐसी खबरें हैं कि 16 सितंबर को शंघाई योगदान शिखर सम्मेलन की बैठक से लौटने के बाद उन्हें एयरपोर्ट पर हिरासत में ले लिया गया और बाद में उन्हें हाउस अरेस्ट कर लिया गया.

हू जिंताओ का पूरे सिस्टम पर कंट्रोल

ऐसी खबरें हैं कि सिस्टम पर अब शी जिनपिंग का कोई कंट्रोल नहीं रह गया है. हू जिंताओ ने वर्तमान परिस्थिति को अपने कंट्रोल में ले लिया है. यदि इन खबरों पर विश्वास करें तो 2019 में चीन में कोविड-19 वायरस फैलने के बाद यह वहां की सबसे बड़ी घटना है. पिछले 10 दिनों से बंद दरवाजों के पीछे सीक्रेट बैठकें चल रही थीं. इन्हीं बैठकों को यह नतीजा रहा कि शी जिनपिंग के हाथों से सत्ता लगभग जा चुकी है.

शी के समरकंद दौरे के वक्त बना प्लान

राष्ट्रपति शी जिनपिंग जब शंघाई योगदान शिखर सम्मेलन के सिलसिले में समरकंद में थे उसी दौरान हू जिंताओ और वेन जिबाओ ने सोंग पिंग को शी जिनपिंग के विरूद्ध भड़काते हुए अपने पाले में कर लिया था. क्योंकि शी जिनपिंग लगातार तीसरी बार राष्ट्रपति का कार्यकाल की लगभग तैयारी कर चुके थे. इसके बाद जैसे ही शी जिनपिंग समरकंद से लौटे उन्हें उनके गार्ड ने हिरासत में ले लिया और बाद में उन्हें हाउस अरेस्ट कर लिया गया.

 

चीन की सरकार की तख्तापलट की आशंका के बीच कई चीनी अधिकारियों को मौत की सजा मिलने की खबर आई है। चीनी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राष्ट्रपति शी जिनपिंग के अधिकार को चुनौती देने के आरोपी एक वरिष्ठ पूर्व चीनी सुरक्षा अधिकारी को शुक्रवार को एक प्रमुख कम्युनिस्ट पार्टी नेतृत्व कांग्रेस से कुछ हफ्ते पहले आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। साउथ चायना मॉर्निंग पोस्ट ने चीन में दो पूर्व मंत्रियों को मौत की सजा भी सुनाई गई है। चीनी अधिकारियों और मंत्रियों को मौत और उम्र कैद की सजा उस वक्त सुनाई गई है, जब कई रिपोर्ट्स में आशंका जताई गई है, कि शी जिनपिंग का तख्तापलट कर दिया गया है।

चीनी अधिकारियों पर कहर

चीनी अधिकारियों पर कहर

साउथ चायना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, सन लिजुन, जो चीन की सरकार में सार्वजनिक सुरक्षा के उप मंत्री थे, उन्हें दो साल पहले मौत की सजा सुनाई गई थी, लेकिन अब उन्हें राहत देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई गई है और कोर्ट ने कहा है कि, सजा को उम्रकैद में बदला जा सकता है लेकिन बिना किसी कमी या पैरोल के। यानि, उन्हें फांसी की सजा तो अब नहीं मिलेगी, लेकिन उन्हें एक दिन के लिए भी जेल से बाहर नहीं निकाला जाएगा। सन लिजुन पर दो दशकों में करीब 100 मिलियन डॉलर रिश्वत लेने और बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया था और आरोप में कहा गया था, कि उन्होंने राष्ट्रपति शी जिनपिंग की सुरक्षा को खतरे में डालने का गंभीर अपराध किया है। हालांकि, रिपोर्ट्स में ये भी कहा गया है, कि उन्होंने शी जिनपिंग के सत्तावादी विचार को चुनौती देने की कोशिश की थी और संविधान परिवर्तन का विरोध किया था, जिसके मुताबिक चीन में एक शख्स लगातार तीसरी बार राष्ट्रपति नहीं बन सकता है। सन लिजुन के साथ ही गुरुवार को पूर्व न्याय मंत्री फू झेंघुआ को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।

पार्टी विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने का आरोप

पार्टी विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने का आरोप

चीनी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2020 की शुरुआत में सन लिजुन को वुहान में कोरोना वायरस के रोकथाम के लिए प्रारंभिक प्रतिक्रिया की निगरानी के लिए भेजा गया था। बाद में उन पर ‘COVID-19 महामारी से लड़ने की अग्रिम पंक्ति में अपने पद को छोड़ने’ और ‘बिना प्राधिकरण के जानकारी के गोपनीय सामग्री रखने’ का आरोप लगाया गया। वहीं, पिछले साल पार्टी से उनके निष्कासन के समय, केंद्रीय अनुशासन निरीक्षण आयोग ने उन पर ‘कभी भी पार्टी के आदर्शों और विश्वास के प्रति सच्चे नहीं रहने’ और ‘बेहद बढ़ी हुई राजनीतिक महत्वाकांक्षा और बहुत खराब राजनीतिक अखंडता को प्रदर्शित करने’ का आरोप लगाया था।

चीन में राजनीतिक संघर्ष

चीन में राजनीतिक संघर्ष

चीनी मीडिया ने सन लिजुन के वास्तविक गुनाहों के बारे में नहीं बताया है और ना ही ये बताया है, कि वो किस तरह की पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल थे, लेकिन कम्युनिस्ट पार्टी ने कहा है कि, उन्होंने राष्ट्रपति शी जिनपिंग के अधिकारों को चुनौती दी थी। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि, सन लिजुन ने ‘पार्टी की नीतियों की आधारहीन आलोचना की और राजनीतिक अफवाहें फैलाईं’। उन पर ‘व्यक्तिगत राजनीतिक लाभ प्राप्त करने के लिए पार्टि हित के खिलाफ काम करने का और ‘पार्टी की एकता को गंभीर रूप से कमजोर करने और राजनीतिक सुरक्षा को खतरे में डालने’ का आरोप लगाया गया था। वहीं, फैसला सुनाते हुए अदालत ने कहा है कि, सन लिजुन को उदार सजा दी गई है।

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