Thursday, April 25, 2024
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दिग्विजय सिंह, सिंधिया की लड़ाई में ,खुले दिग्विजय सिंह के परिवार के रहस्य,अंग्रेजों का साथ दिया था

दिग्विजय सिंह ने सिंधिया पर हमला किया था: कांग्रेस के साथ की गद्दारी, एक-एक विधायक का 25-25 करोड़ लेकर पार्टी से दिया इस्तीफा

दिग्विजय के इस बयान को सिंधिया की आमसभा के पलटवार के रूप में देखा जा रहा है। दरअसल, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शनिवार को पहली बार दिग्विजय के गृहनगर राघोगढ़ में सार्वजनिक सभा की थी।

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और कॉन्ग्रेस नेता दिग्विजय सिंह एक बार फिर आमने-सामने आ गए हैं। सिंधिया ने सोमवार (6 दिसंबर 2021) को दिग्विजय सिंह के ‘गद्दार’ वाले बयान पर पलटवार किया। उन्होंने कहा, ”जिन्होंने ओसामा को ‘ओसामा जी’ कहा और कहा कि वे सत्ता में आने पर अनुच्छेद-370 को बहाल करेंगे। यह तो जनता तय करेगी कि कौन ‘गद्दार’ है। मैं उस स्तर तक नीचे नहीं गिर सकता।”

दिग्विजय के गृह नगर राघोगढ़ में शनिवार (4 दिसंबर 2021) को ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सार्वजनिक सभा की थी। इसके कुछ ही देर बाद कॉन्ग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने अपने पूर्व सहयोगी पर तीखा प्रहार किया था। उन्होंने सिंधिया के विधायकों समेत कॉन्ग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल होने पर उन्‍हें ‘गद्दार’ बताया था।

बता दें कि गुना के मधुसूदनगढ़ के रघुनाथ गाँव और विदिशा जिले के मुंडेला गाँव में शनिवार को दिग्विजय सिंह ने सभा को संबोधित किया था। इस दौरान उन्होंने कहा कि मध्‍य प्रदेश में वर्ष 2018 में हुए चुनाव के बाद कॉन्ग्रेस की सरकार तो बन गई थी, लेकिन सिंधिया गद्दारी कर गए। सिंधिया जी कॉन्ग्रेस छोड़कर चले गए और एक-एक विधायक का 25-25 करोड़ रुपए ले गए। मैं इसका क्‍या करूँ, किसने सोचा था ऐसा होगा। दिग्विजय ने आगे कहा कि इतिहास इसका साक्षी है, जब कोई व्‍यक्ति गद्दारी करता है, तो पीढ़ी दर पीढ़ी गद्दारी होती रहती है।

भाजपा ने राघौगढ़ राजाओं की गद्दारी गिनाई
दिग्विजय सिंह के सिंधिया के गद्दारी के आरोपों पर भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने राघौगढ़ राजाओं की गद्दारी का इतिहास बताया। उन्होंने दिग्विजय से कहा कि 1775-82 राघौगढ़ के राजा बलवंत सिंह ने मराठाओं के विरुद्ध चिदेशियों का साथ दिया था। बाद में महाराज सिंधिया ने पराजित किया था और बलवंत सिंह को ग्वालियर के किले में कैद किया था क्योंकि उन्होंने देश के साथ धोखा किया था। इसी तरह राघौगढ़ के राजा रघुवीर सिंह ब्रिटिशर्स की मदद करते रहे थे। चतुर्वेदी ने कहा कि राजा जयसिंह अंग्रेजों के सबसे ज्यादा नजदीक बताते हुए दिग्विजय सिंह को कहा कि वे पहले देश का इतिहास पढ़ें और फिर गद्दारी के आरोपों पर बात करें।

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