Saturday, April 20, 2024
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BREAKING NEWS:बड़ी कार्यवाही के डर से गायब सूरमा किसान नेता,क्या देश भर में किसान सिर्फ पंजाब हरयाणा में है?

 

देर रात बड़ा ऑपरेशन होने के संकेत, रडार पर हैं कई किसान नेता, सिंघू बॉर्डर से ‘गायब’

किसानों की परिभाषा आज दिल्ली की सीमाओं से बैरिकेड तोड़कर लाल किला पहुँचने के बाद मानक बन गई है। अब से शायद किसान वही होगा जो पंजाब से संबंध रखता होगा और जिसकी विचारधारा में खालिस्तानी भी खुद को जुड़ा हुआ महसूस कर पाएँगे। यदि इसके अलावा कोई राजस्थान, मध्यप्रदेश, कश्मीर, तमिलनाडु, यूपी, बिहार का किसान खुद को ‘अन्नदाता’ कहता पाया गया तो उसे वामपंथी व मीडिया गिरोह वहीं खबरदार कर देगें।

आखिर इतने दिनों से जो नैरेटिव इस गिरोह ने भुनाया उसका अंत इतने सारे राज्यों के अन्नदाता चुप बैठके कर दें! ये कैसे हो सकता है? आज राष्ट्रीय राजधानी में भड़की अराजकता देखने के बाद दूसरे राज्यों के कृषको को भले ही ये लगे कि अच्छा हुआ जो वो विपक्ष के भ्रम जाल में नहीं फँसे।Oओ

लेकिन, गिरोह के लोगों के मुताबिक आज यही वो क्षण है जब दूसरे राज्य के किसानों को चेहरे पर संतुष्टि का भाव दिखाने से ज्यादा चुल्लू भर पानी में डूब मरने
लेकिन, गिरोह के लोगों के मुताबिक आज यही वो क्षण है जब दूसरे राज्य के किसानों को चेहरे पर संतुष्टि का भाव दिखाने से ज्यादा चुल्लू भर पानी में डूब के लिए व्याकुल होना चाहिए। या मुमकिन हो तो खुद ही अपने ‘किसान’ होने की उपाधि उन प्रदर्शनकारियों को लाकर दे देनी चाहिए, जो खेती का ‘क-ख-ग’ न जानते हुए भी ढाई महीने से दिल्ली सीमा पर भीड़ बढ़ाते रहे और उनके कारण सोशल मीडिया पर एक दिशा में एजेंडा फलता-फूलता रहा।

इस बीच मध्यप्रदेश में जो किसानों ने नए कृषि कानूनों पर खुशी व्यक्त करके किसान कौम की थू-थू कराई है उसे तो शायद ही कभी ‘पूरे देश के अन्नदाता’ अर्थात दिल्ली की सीमाओं पर एकत्रित सच्चे किसान भुला पाएँ। राजस्थान में भी देखिए सत्ता में कॉन्ग्रेस होने के बावजूद पंचायत चुनाव में बीजेपी का बोल बाला हो गया। ये उन ग्रामीणों की अपनी कौम से दगाबाजी नहीं तो क्या है। आखिर कॉन्ग्रेस ने क्या कमी छोड़ी होगी भड़काने में! फिर भी अपने विवेक पर इस बात को समझ पाए कि उनके लिए कौन सी स्कीम सही है कौन सी नहीं।


किसानों की ट्रैक्टर रैली के बाद मंगलवार देर रात गृह मंत्रालय मामले में बड़ा ऐक्शन ले सकता है। जानकारी के मुताबिक, प्रमुख किसान नेता रडार पर हैं। सिंघू बॉर्डर से कई प्रमुख नेता ‘गायब’ भी बताए जा रहे हैं।
कृषि कानूनों के खिलाफ गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर परेड को लेकर मंगलवार को जमकर हंगामा हुआ। किसान प्रदर्शनकारियों के बैरिकेडिंग तोड़ने, पुलिस से झड़प और तय रूट से अलग रास्तों पर ट्रैक्टर ले जाने की खबरें दिन भर सुर्खियों में रहीं। अब खबर है कि किसान प्रदर्शन में उपद्रव को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने न सिर्फ संज्ञान में लिया है बल्कि इसके खिलाफ सख्त ऐक्शन लेने की भी तैयारी में है।
संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा- कुछ लोगों ने ट्रैक्टर रैली मार्ग का उल्लंघन किया और हिंसा की
ट्रैक्टर परेड में हंगामें की स्थिति बनने के बाद केंद्रीय गृह सचिव ने गृह मंत्री अमित शाह को दिल्ली की मौजूदा स्थिति के बारे में जानकारी दी है। बताया जा रहा है कि देर रात केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से मामले में बड़ा ऐक्शन लिया जा सकता है। कई किसान नेता रडार पर हैं। सिंघू बॉर्डर पर भी ट्रैक्टर परेड के बाद प्रमुख किसान नेता दिखाई नहीं दे रहे हैं। वहीं दिल्ली पुलिस ने किसानों के प्रदर्शन को उग्र और हिंसक बताया है। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों से झड़प में पुलिस के 83 जवान घायल हुए हैं।
राजधानी में अतिरिक्त बल तैनात
मामले को गंभीरता से लेते हुए केंद्र सरकार ने एहतियातन राजधानी में अतिरिक्त पैरामिलिट्री फोर्स तैनात करने का फैसला किया है। बताया गया कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में शांति कायम करने तथा लॉ ऐंड ऑर्डर को दुरुस्त रखने के लिए अतिरिक्त केंद्रीय बलों की तैनाती की जाएगी। वहीं दिल्ली से सटे हरियाणा राज्य के कई जिलों में प्रदेश सरकार ने इंटरनेट और एसएमएस सेवाओं पर रोक की मियाद बढ़ा दी है। सरकार ने निर्देश जारी किया है कि सोनीपत, पलवल और झज्जर जिलों में बुधवार शाम 5 बजे तक इंटरनेट और एसएमएस सेवाओं पर रोक रहेगी, ताकि अफवाहों को फैलने से रोका जा सके।
इंटरनेट सेवा बंद
खबर के मुताबिक, हरियाणा के तीन जिलों के अलावा उन सभी बॉर्डर एरियाज में जहां पर प्रदर्शन चल रहा है, रात 12 बजे तक इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। गृह मंत्रालय की तरफ से जारी आदेश के मुताबिक, सिंघु, गाजीपुर, टीकरी, मुकरबा चौक, नांगलोई और आसपास के इलाकों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। कोई URL खोलने पर यह मैसेज आ रहा है क‍ि ‘सरकार के निर्देशानुसार, आपके क्षेत्र में इंटरनेट सेवा अगली सूचना आने तक बंद कर दी गई हैं।’ मोबाइल इंटरनेट सेवा चल रही है।

ट्रैक्टर रैली में हंगामा
बता दें कि मंगलवार को किसानों ने ट्रैक्टर परेड का आह्वान किया था। इसके लिए दिल्ली पुलिस से मीटिंग के बाद रैली के लिए रूट भी तय किए गए थे लेकिन मंगलवार को किसानों की रैली शुरू होते ही हंगामे जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई। दोपहर में भारी संख्या में प्रदर्शनकारी ट्रैक्टरों के साथ लाल किले पर पहुंच गए। इसके बाद वे लाल किले के भीतर घुस गए और किले की प्राचीर से पीले रंग का झंडा लहरा दिया। वहीं राजधानी में आईटीओ में प्रदर्शनकारी किसानों ने ट्रैक्टरों से बैरिकेड तोड़ दिया। हंगामा बढ़ने पर पुलिस ने यहां किसानों पर लाठीचार्ज कर दिया।
बताया गया कि देर रात तक कई प्रदर्शनकारी किले के भीतर मौजूद थे। फिलहाल पुलिस ने उन्हें किले से बाहर निकाल दिया है। ट्रैक्टर परेड में हुई हिंसा के बाद अब संयुक्त किसान मोर्चा ने ट्रैक्टर परेड को खत्म करने का ऐलान किया है। इसके साथ ही उन्होंने भागीदारों से प्रदर्शन स्थलों पर वापस लौटने की अपील की। संयुक्त मोर्चा ने यह भी कहा कि हिंसा करने वाले लोग बाहरी थे, वे हमसे जुड़े हुए नहीं हैं।

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