Friday, April 19, 2024
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सावधान रहें: ये लूट का नया तरीका,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से ये फर्जी खबर,बच के रहें

 

 

‘3500 रुपए/महीने दे रही मोदी सरकार, 10वीं पास बेरोजगार करें 31 अक्टूबर तक फॉर्म भर कर भेजें’ –

सोशल मीडिया पर एक मैसेज तेज़ी से वायरल हो रहा है कि मोदी सरकार ने बेरोजगारों को 3500 रुपए का मासिक भत्ता देने का निर्णय लिया है। इसमें लिखा है कि ‘प्रधानमंत्री बेरोजगार भत्ता योजना’ के तहत प्री-रजिस्ट्रेशन चालू है और सभी युवा बेरोजगारों को इसके तहत 3500 रुपए प्रति महीने का भत्ता दिया जाएगा। साथ ही इसके बाद एक लिंक भी सर्कुलेट हो रहा है, जिसे क्लिक करने को कहा जा रहा है।

संदेश में बताया जा रहा है कि प्री-रजिस्ट्रेशन का फॉर्म भरने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें। इसमें आवेदन शुल्क शून्य लिखा है और 18 से 40 वर्ष तक के सभी दसवीं पास लोगों को इसके लिए पात्र बताया गया है। इस मैसेज में 31 अक्टूबर, 2021 को इस फॉर्म को भर कर जमा कराने की अंतिम तारीख़ बताई जा रही है। साथ ही जिस वेबसाइट का पता है, वो किसी ब्लॉग का है। व्हाट्सएप्प के माध्यम से ऐसे मैसेज फॉरवर्ड किए जा रहे हैं।

फिर उसमें जो रजिस्ट्रेशन फॉर्म खुल रहा है, उसमें आवेदनकर्ता का नाम, पिता/पति का नाम, उम्र और राज्य जैसी जानकारियाँ माँगी जा रही हैं। इतना ही नहीं, वेबसाइट खोलने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर के साथ ‘सबका साथ, सबका विकास’ स्लोगन भी लिखा है और दावा किया गया है कि 2021 में 10 करोड़ से अधिक लोगों और 50 करोड़ परिवारों को इसका लाभ मिलेगा। देखने में ये एक सरकारी वेबसाइट प्रतीत हो, ऐसी कोशिश की गई है।

अब आपको बताते हैं कि इस मैसेज की सच्चाई क्या है। दरअसल, केंद्र सरकार ‘प्रधानमंत्री बेरोजगारी भत्ता’ नाम की कोई योजना चलाती ही नहीं है, ऐसे में इसके तहत रुपए मिलने या फिर इसका आवेदन फॉर्म आने का कोई सवाल ही नहीं उठता। ये किसी की खुराफात है। PIB ने सावधान करते हुए बताया है, “ये दावा फर्जी है। धोखाधड़ी से सावधान रहें। ऐसे फर्जी वेबसाइटों से सावधान रहें और संदिग्ध वेबसाइटों पर पंजीकरण न करें।”

 

साथ ही ‘पत्र सूचना कार्यालय (PIB)’ ने लोगों को आगाह किया है कि वो SMS, ईमेल या किसी भी अन्य सोशल मीडिया माध्यमों से साझा किए जा रहे इस तरह के संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें। चेताया गया है कि इस तरह के लिंक्स पर क्लिक करने से आपके साथ धोखाधड़ी हो सकती है। PIB ने अपने फैक्ट-चेक में इस दावे को फर्जी पाया है। हमें भी किसी सरकारी वेबसाइट पर ऐसी किसी भी योजना का जिक्र नहीं मिला।

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