Friday, April 19, 2024
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औंधे मुंह गिरी आमिर खान की लाल सिंह…,,चड्डी लाल हुई मियां आमिर खान की

आमिर खान और करीना कपूर खान। इसी बीच लोगों को आमिर और करीना की पुरानी बातें याद आ गई हैं और जनता फिल्म के बहिष्कार करने की जबरदस्त मांग कर रही है। लोगों का कहना है कि करीना के मुताबिक, जिन्हें उनकी फिल्में नहीं पसंद, वो उनकी फिल्म ने देखें। वहीं आमिर खान पर देश को बदनाम करने के लिए पिछले कुछ सालों में कई आरोप भी लग चुके हैं।

इन सब के बीच आमिर खान ने दर्शकों से फिल्म देखने का निवेदन किया है। जबकि करीना ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ऐसे मुट्ठी भर लोगों को इग्नोर किया जाना चाहिए। इस पर इंटरनेट यूजर्स और नाराज हो गए हैं और उनका कहना है कि ‘अब हम बताएंगे कि किसी चीज को इग्नोर कैसे किया जाता है।’

बता दें कि 2020 में सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद बॉलीवुड में निपोटिज्म का मुद्दा बहुत उछला था और कई फिल्मी पृष्ठभूमि वाले कलाकारों पर इसका आरोप भी लगा था। उस दौरान करीना ने एक इंटरव्यू में कहा था कि ‘जिन्होंने बाहरी लोगों को स्टार बनाया, वही आज उंगली उठा रहे हैं। अगर किसी को हमारी फिल्में पसंद नहीं हैं तो मत जाओ देखने, कोई जबरदस्ती नहीं करता।’ इसके अलावा करीना ने हिंदू महिलाओं के “करवाचौथ” व्रत का भी उपहास किया था। करीना ने तब कहा था कि उन्हें इस व्रत में विश्वास नहीं है और प्यार साबित करने के लिए भूखे रहना जरूरी नहीं।

आमिर पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को बदनाम करने का लग चुका है आरोप

आमिर की बात करें तो 2014 में भाजपा के नेतृत्व वाली राजग सरकार बनने के बाद उनका एक बयान सामने आया था, जिसमें उन्होंने अपनी तत्कालीन पत्नी के हवाले से कहा था कि देश में असहिष्णुता बढ़ रही है और वह परिवार सहित देश छोड़कर जाना चाहते हैं। इसके अलावा कुछ साल पहले स्टार प्लस पर उनका शो ‘सत्यमेव जयते’ आता था, जिसमें उन्होंने शिवरात्रि और सावन मास में शिवलिंग पर दूध चढ़ाने को फालतू बताया था और कहा था कि इन पैसों से या दूध से गरीब बच्चों का पेट भरा जा सकता है। अब लोगों का कहना है कि आमिर की फिल्म के लिए 300-400 का टिकट खरीदने से बेहतर है कि गरीबों का पेट भरा जाए और उनकी कुछ जरुरतों को पूरा किया जाए।

इसके अलावा इस फिल्म की शूटिंग के सिलसिले में तुर्की गये आमिर अगस्त 2020 में तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगान कि पत्नी से भी मिले थे। इस मुलाकात के लिए आमिर ने स्वयं रिक्वेस्ट डाली थी। मालूम हो कि भारत का तुर्की के हाथ रिश्ता बिल्कुल ठीक नहीं रहता और एर्दोगान हर मुद्दे पर पाकिस्तान का समर्थन करते हैं। अनुच्छेद 370 और कश्मीर के मुद्दे पर भी तुर्की खुलकर भारत का विरोध करता रहा है।

वेब पोर्टल Only Fact India के फाउंडर ने आरोप लगाया कि आमिर ‘Independent and Public Spirited Media Foundation’ (IPSMF) को डोनेशन भी देते हैं, जो भारत विरोधी और हिन्दू विरोधी प्रोपेगैंडा चलाने वाली वेबसाइट्स ‘आल्ट न्यूज़’, ‘द वायर’ और ‘कारवां’ को फंडिंग भी प्रदान करता है।

 

‘पूजा-पाठ से मलेरिया फैलता है, दंगे होते हैं’: ‘लाल सिंह चड्ढा’ में आमिर खान का हिन्दू विरोधी प्रोपेगेंडा, ‘मोहम्मद’ नाम के पाकिस्तानी आतंकी को बचाया

बॉलीवुड अभिनेता आमिर खान (Amir Khan) की फिल्म ‘लाल सिंह चड्ढा’ (Laal Singh Chaddha) आज (11 अगस्त 2022) सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। फिल्म को कई क्रिटिक ने सिरे से खारिज कर दिया है। वहीं, लाल सिंह चड्ढा का किरदार निभा रहे आमिर खान का फिल्म में यह कहना, ‘पूजा-पाठ से मलेरिया फैलता है, दंगे होते हैं।’ ने दर्शकों को खासा निराश किया। इंडिया टुडे ने अपनी फिल्म की समीक्षा में आमिर खान की बेदम एक्टिंग के बारे में लिखा है।

फोटो साभार: इंडिया टुडे

इंडिया टुडे के अनुसार, आमिर खान ने फिल्म में बहुत ही निराशाजनक प्रदर्शन किया है। उन्होंने टॉम हैंक्स द्वारा निभाए गए फॉरेस्ट गंप के दमदार किरदार को ‘लाल सिंह चड्ढा’ के रूप में निभाकर बोरिंग बना दिया है। हालाँकि, फिल्म का ट्रेलर रिलीज होने के बाद से आमिर खान की एक्टिंग की काफी आलोचना हो रही है। फिल्म की रिलीज के बाद समीक्षकों ने भी इसे बेदम एक्टिंग वाली फिल्म बता दिया है।

आमिर खान की फिल्म ‘लाल सिंह चड्ढा’ हॉलीवुड स्टार टॉम हैंक्स की फिल्म ‘फॉरेस्ट गंप’ का हिंदी रीमेक है। फॉरेस्ट गम्प ने वियतनाम में अपनी ही यूनिट के प्रमुख लेफ्टिनेंट डैन को अपनी पीठ पर बिठाकर सुरक्षित बाहर निकाला था। वहीं ‘धर्मनिरपेक्ष’ लाल सिंह चड्ढा ने मोहम्मद नाम के एक पाकिस्तानी आतंकवादी को बचाया है। यह कैसे संभव है कि एक प्रशिक्षित भारतीय सेना का जवान सेना में अपने ही भाइयों और दुश्मनों के बीच अंतर नहीं कर सका।

ट्विटर पर भाजपा युवा मोर्चा के सदस्य शिखर बख्शी लिखते हैं, “लाल सिंह चड्ढा में एक दृश्य है, जिसमें एक पाकिस्तानी सेना का आदमी आमिर खान से कहता है कि वह रोज नमाज पढ़ता है और चड्ढा से पूछता है कि वह पूजा क्यों नहीं करता। इस पर लाल सिंह चड्ढा जवाब देते हैं, “पूजा पाठ से मलेरिया फैलता है, दंगे होते हैं। जाहिर है, फिल्म में आमिर खान एक सिख हैं।”

शिखर आगे लिखते हैं, “फिल्म में ये डायलॉग बोलकर उन्होंने सिख के साथ हिंदू समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुँचाई है। मुझे समझ नहीं आता कि दुनिया भर के सिखों ने अभी तक आमिर खान के खिलाफ विरोध शुरू क्यों नहीं किया है। क्यों? क्योंकि यह उनके एजेंडे के अनुसार नहीं है?” दरअसल, बॉलीवुड के जरिए भारतीय संस्कृति, हिन्दुओं की भावनाओं को ठेस पहुँचाने काम बहुत पहले से होता रहा है। आमिर खान अपनी फिल्मों में अक्सर ऐसा करते हुए नजर आए हैं।

बता दें कि बीते दिनों फिल्म के बायकॉट को लेकर आमिर खान ने कहा था, “जब लोग बॉलीवुड और लाल सिंह चड्ढा का बहिष्कार करने की बात करते हैं तो मुझे बहुत दुख होता है। खासकर तब जब लोग मेरी फिल्मों को इस वजह से बायकॉट करने की डिमांड करते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि मैं उन लोगों की लिस्ट में शामिल हूँ जो भारत को पसंद नहीं करते हैं। लेकिन यह सच नहीं है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ लोगों ऐसा लगता है। ऐसा नहीं है। कृपया मेरी फिल्म का बहिष्कार न करें। कृपया मेरी फिल्म देखें।”

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