Thursday, March 28, 2024
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मोहम्मद तैसिफ की अम्मी भी शामिल,2018 से मुसलमान बनाना चाहती थी,निकिता तोमर को

पीड़िता के पिता का कहना है कि पहली बार जब बच्ची का अपहरण हुआ था तो उसे छुड़ा लिया गया था। लेकिन उस हादसे के बाद से ही तौसीफ की माँ बार-बार निकिता को फोन कर कहती थी, “तुम हमारा मजहब कबूल कर लो। अब तुमसे कौन शादी करेगा। तुम्हारा अपहरण भी हो गया है और अब तुम्हारा क्या होगा। तुम हमारा मजहब कबूल कर मेरे बेटे की हो जाओ।”

हरियाणा के बल्लभगढ़ में कॉलेज से निकल रही छात्रा निकिता पर घात लगाए तौसीफ और रेहान ने हमला कर दिया। सीसीटीवी फुटेज में साफ दिख रहा है कि दोनों आरोपितों ने पहले निकिता का अपहरण करने की कोशिश की। इसमें नाकाम रहने पर निकिता की कनपटी पर गोली मारने के बाद तौसीफ अपने साथी रेहान के साथ फरार हो गया।

पीड़िता के पिता का दावा है कि आरोपित तौसीफ ही नहीं बल्कि उसकी माँ भी उनकी बेटी निकिता पर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाती रहती थी। यह सिलसिला बीते दो साल से चल रहा था। छात्रा के पिता ने आरोपित तौसीफ की माँ पर आरोप लगाया है कि वह बार-बार फोन कर के उनकी बेटी पर दबाव डालती थी कि तुम हमारा मजहब कबूल कर लो। यह सिलसिला उस वक्त से चल रहा था जब 2018 में तौसीफ ने पहली बार निकिता का अपहरण किया था।

26 अक्टूबर को हुए इस हत्याकांड के मामले में मुख्य आरोपित तौसीफ और उसके दोस्त रेहान को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार करने के बाद दोनों आरोपितों को कोर्ट में पेश किया गया है, जहाँ से उन्हें 2 दिन के पुलिस रिमांड में भेज दिया गया। बताया जा रहा है कि पुलिस पूछताछ में आरोपित ने अपना गुनाह कबूल लिया है और हत्या के पीछे का मकसद भी बताया है।

जानकारी के मुताबिक पुलिस गिरफ्त में आए तौसीक ने पूछताछ में बताया कि वो (निकिता) किसी और से शादी करने वाली थी, इसलिए उसने उसे मार दिया। आरोपित ने पुलिस को यह भी बताया कि उसकी छात्रा से 24 से 25 अक्टूबर की रात लंबी बातचीत हुई थी। दोनों के बीच करीब 1000 सेकंड तक बात हुई थी।

तौसीफ ने पुलिस को यह भी बताया कि उसकी मेडिकल की पढ़ाई अधूरी रह गई थी, क्योंकि उसे गिरफ्तार कर लिया गया था। तौसीफ ने पुलिस से पूछताछ में बताया है कि उसने अपनी गिरफ्तारी का बदला लिया है। उसने पुलिस को बताया, “मैं मेडिकल की पढ़ाई नहीं कर सका क्योंकि मैं गिरफ्तार हो गया था। इसलिए मैंने ये बदला लिया।”

दरअसल, तौसीफ 12वीं कक्षा तक निकिता के साथ पढ़ा था। वह उस पर दोस्ती के लिए दबाव डालता था। आरोपित ने साल 2018 में छात्रा का अपहरण भी किया था, लेकिन बाद में समझौता हो गया था। बदनामी से बचने के लिए निकिता के परिजन बात को ज्यादा आगे नहीं बढ़ाना चाहते थे। आरोपित तौसीफ के परिजन भी निकिता के घर आए और एक पंचायत में माफी के साथ यह तय हुआ कि आगे से ऐसी गलती दोबारा नहीं होगी। समझौता करने के बाद उन्होंने केस वापस ले लिया था।

परिवार की तरफ से यह भी बताया गया कि तौसीफ कुछ दिनों से निकिता पर शादी का दबाव बना रहा था। सोमवार शाम को वो परीक्षा देकर बाहर निकल रही थी तभी तौसीफ आया और जबरदस्ती गाड़ी में खींचने लगा। जब लड़की नहीं मानी तो उसने गोली मार दी।

गौरतलब है कि निकिता तोमर के घरवालों ने आरोप लगाया है कि निकिता पर तौसीफ धर्म परिवर्तन का दबाव बना रहा था। तीन साल पहले इस संबंध में पंचों के सामने फैसला भी हुआ, लेकिन अभी हाल में दोबारा तौसीफ ने लड़की के संपर्क में आने का प्रयास किया। उसने बार बार निकिता को यही कहा, ‘मुस्लिम बन जा हम निकाह कर लेंगे’ मगर जब लड़की ने उसकी बात नहीं सुनी तो उसकी गोली मार कर हत्या कर दी।

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