Tuesday, April 16, 2024
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शराब घोटाले की जांच से भाग रहे केजरीवाल की चाल फेल,संजय सिंह को किनारे लगा रहा था

 

राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी आम आदमी पार्टी को तगड़ा झटका दिया है. जगदीप धनखड़ ने राघव चड्ढा को राज्यसभा में AAP के अंतरिम पार्टी नेता के रूप में नियुक्त करने के अरविंद केजरीवाल के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया है. इसका मतलब यह हुआ कि संजय सिंह राज्यसभा में आम आदमी पार्टी के नेता बने रहेंगे. जानकारी के मुताबिक धनखड़ ने केजरीवाल को लिखे एक पत्र में कहा कि यह पहलू ‘संसद में मान्यताप्राप्‍त दलों तथा समूहों के नेता और मुख्य सचेतक (सुविधाएं) अधिनियम, 1998’ और उसके तहत बने नियमों के अधीन है. अनुरोध, कानूनी प्रक्रिया के अनुरूप नहीं है, इसलिए स्वीकार नहीं किया जा रहा है.

क्या कहा सभापति ने ?

असल में हुआ यह था कि केजरीवाल ने इस महीने की शुरुआत में धनखड़ से चड्ढा को उच्च सदन में आप का अंतरिम नेता नियुक्त करने को कहा था क्योंकि सदन में पार्टी के नेता संजय सिंह न्यायिक हिरासत में हैं. धनखड़ द्वारा नियमों का हवाला देते हुए केजरीवाल के इस अनुरोध को अस्वीकार किए जाने के बाद संजय सिंह उच्च सदन में पार्टी के नेता बने रहेंगे. हालांकि आप के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह दिल्ली शराब नीति मामले में फिलहाल जेल में हैं. इस तरह राघव चड्ढा को बड़ी जिम्मेदारी देने के केजरीवाल के सपने को जगदीप धनखड़ ने तोड़ दिया है.

केजरीवाल ने भेजा था पत्र
इससे पहले राज्यसभा सचिवालय को चड्ढा को सदन का नेता नियुक्त करने के संबंध में आप की ओर से एक पत्र प्राप्त हुआ था. कार्यान्वयन के लिए पत्र राज्यसभा महासचिव के पास था. चड्ढा राज्यसभा के सबसे युवा सदस्यों में से एक हैं. वर्तमान में उच्च सदन में आप के कुल 10 सदस्य हैं. राज्यसभा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के बाद सदस्यों की संख्या के हिसाब से आप चौथी सबसे बड़ी पार्टी है. यह संयोग की बात है कि अभी हाल ही में राघव चड्ढा की संसद की सदस्यता को समाप्त कर दिया गया था. काफी बवाल के बाद आखिरकार उनका निलंबन समाप्त किया गया.

आम आदमी पार्टी में राघव चड्ढा का रुतबा
बता दें कि आम आदमी पार्टी में राघव चड्ढा का रुतबा काफी तगड़ा है. समय-समय पर वे पार्टी के बड़े निर्णयों में शामिल रहे हैं. यहां तक कि पंजाब में उन्हें सुपर सीएम के तौर पर भी देखा जाता है. वे भगवंत मान के बराबर की हैसियत रखने के लिए जाने जाते हैं. यहां तक कि कई बार एक्सपर्ट्स यह भी कहते नजर आते हैं कि राघव चड्ढा ही आम आदमी पार्टी के भविष्य हैं. इसी कड़ी में अरविंद केजरीवाल ने एक और बड़ी जिम्मेदारी उनके जिम्मे सौंपने की कोशिश की थी लेकिन अब उनका सपना टूट गया है.

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