Friday, April 19, 2024
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बाला साहेब ठाकरे ने कभी मुंह नही लगाया था, सोनिया शरद पवार को, उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री बनने दिन रात हाजिरी भरी

जिनको बाला साहेब ठाकरे ने मुंह नही लगाया उद्धव ने उनके आगे सर झुकाया

मुंबई, 21 जून। महाराष्ट्र की राजनीति में उभर रहे राजनीतिक संकट के बीच मंगलवार को हुई विधायक दल की बैठक में शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद छोड़ने के संकेत दिए हैं। उद्धव ठाकरे ने बैठक में शिवड़ी के विधायक अजय चौधरी को विधायक दल का नेता नियुक्त किया है। उद्धव ठाकरे ने विधायक एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री पद का ऑफर भी कर दिया है।

उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री पद छोड़ने के लिए तैयार

महाराष्ट्र में सियासी संकट के बीच मुख्यमंत्री ने मंगलवार को शिवसेना के सभी सांसदों, विधायकों और पदाधिकारियों की बैठक बुलाई। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में बुलाई गई शिवसेना विधायक दल की बैठक में 56 में से सिर्फ 22 विधायक शामिल हुए। बैठक में उद्धव ठाकरे ने कहा कि ढाई साल पहले महाविकास आघाड़ी सरकार बनाते समय वो किन्हीं खास कारणों से मुख्यमंत्री बने थे। उसी मकसद के लिए वो मुख्यमंत्री पद छोड़ने के लिए तैयार हैं।

 

उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री पद छोड़ने के लिए तैयार

महाराष्ट्र में सियासी संकट के बीच मुख्यमंत्री ने मंगलवार को शिवसेना के सभी सांसदों, विधायकों और पदाधिकारियों की बैठक बुलाई। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में बुलाई गई शिवसेना विधायक दल की बैठक में 56 में से सिर्फ 28 विधायक शामिल हुए। बैठक में उद्धव ठाकरे ने कहा कि ढाई साल पहले महाविकास आघाड़ी सरकार बनाते समय वो किन्हीं खास कारणों से मुख्यमंत्री बने थे। उसी मकसद के लिए वो मुख्यमंत्री पद छोड़ने के लिए तैयार हैं।

आम्ही बाळासाहेबांचे कट्टर शिवसैनिक आहोत… बाळासाहेबांनी आम्हाला हिंदुत्वाची शिकवण दिली आहे.. बाळासाहेबांचे विचार आणि धर्मवीर आनंद दिघे साहेबांची शिकवण यांच्याबाबत आम्ही सत्तेसाठी कधीही प्रतारणा केली नाही आणि करणार नाही

— Eknath Shinde – एकनाथ शिंदे (@mieknathshinde) June 21, 2022

उधर शिवसेना के एकनाथ शिंदे अपने समर्थक विधायकों के साथ गुजरात के सूरत में डुमस रोड स्थित ली मेरिडियन होटल में ठहरे हुए हैं। शिंदे ने ट्वीट कर कहा है कि वो स्वर्गीय बालासाहेब ठाकरे के कट्टर शिवसैनिक हैं। शिवसेना के अधिकांश विधायक महाविकास आघाड़ी सरकार से नाराज हैं। विधान परिषद चुनाव के बाद से राज्य में राजनीतिक संकट गहरा हुआ है।

बैठक में विधायकों ने गद्दारों को सबक सिखाने की बात कही

बतादें कि शिवसेना के विधायक एकनाथ शिंदे ने अपनी ही पार्टी के खिलाफ बगावत शुरू कर दी है। इसे शांत करने का प्रयास मुख्यमंत्री कर रहे हैं, लेकिन शिवसेना में हुई बगावत का असर राज्य की महाविकास आघाड़ी पर दिखने की संभावना बन गई है। शिवसेना की बैठक में विधायकों ने गद्दारों को सबक सिखाने की भी बात कही है। इन विधायकों ने कहा कि शिवसेना के साथ गद्दारी करने वालों को उनके निर्वाचन क्षेत्र में घूमने नहीं देंगे।

शिंदे की नाराजगी शिवसेना का अंदरुनी मामला- शरद पवार

वहीं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र में तीसरी बार फिर से ऐसा हो रहा है। ढाई साल से सरकार ठीक चल रही थी, लेकिन अभी क्या हो रहा है इसपर मैं अपने सहयोगी से बात करूंगा। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में बदलाव की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि शिंदे की नाराजगी शिवसेना का अंदरुनी मामला है।

सरकार में बदलाव की कोई जरूरत नहीं- पवार

एकनाथ शिंदे के मुख्यमंत्री बनाने वाले सवाल पर शरद पवार ने कहा कि एकनाथ शिंदे ने हमें कभी नहीं बताया कि वो मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं। ये शिवसेना का आंतरिक मामला है, वो जो भी फैसला करें हम उनके साथ हैं। हमें नहीं लगता कि सरकार में बदलाव की कोई जरूरत है। शरद पवार ने एक सवाल बहुमत खोने पर क्या वो बीजेपी के साथ जाना चाहेंगे। इसपर जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि बीजेपी के साथ जाने का सवाल ही नहीं उठता है

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