Friday, March 29, 2024
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नरेंद्र मोदी का अदभुत लगाव सिख समाज से,70 साल में कोई नही कर पाया इतना

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सिख समुदाय से गहरा नाता है। 1975 के आपातकाल से लेकर आज तक प्रधानमंत्री मोदी ने सिख समुदाय के प्रति अपने लगाव को प्रदर्शित किया है। प्रधानमंत्री मोदी वह व्यक्ति हैं, जिन्होंने सिख समुदाय के लिए अद्भुत काम किया है। पिछले सात सालों के उनके कार्यकाल पर नजर डालते हैं तो सिखों के कल्याण और उनके गौरवशाली इतिहास के प्रचार-प्रसार के लिए जितना काम प्रधानमंत्री मोदी ने किया है, उतना पिछले सत्तर साल में किसी ने नहीं किया है।

प्रधानमंत्री मोदी ने सिख समुदाय के हित में एक ऐतिहासिक घोषणा करते हुए कहा कि सिखों के 10वें गुरु गोबिंद सिंह के चारों बेटों को श्रद्धांजलि देने के लिए इस साल से 26 दिसंबर को ‘वीर बाल दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी ने गुरु गोबिंद सिंह के प्रकाश पर्व के अवसर पर यह घोषणा की। उन्होंने ट्वीट किया कि यह ‘साहिबजादों’ के साहस और न्याय स्थापना की उनकी कोशिश को उचित श्रद्धांजलि है।

प्रकाश पर्व पर कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा, प्रधानमंत्री मोदी ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा शुभ दिन गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व पर की। इस दौरान राष्ट्र के नाम संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने श्री गुरु नानक देव जी का हवाला दिया। उन्होंने अपने संबोधन में क्षमा भाव शब्द का इस्तेमाल किया। इससे स्पष्ट है कि सिख समुदाय से उनका रिश्ता कितना गहरा है। किसानों ने भी इसे गुरु पर्व का तोहफा बताया और बेहद खुश नजर आए।

अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद वहां हालात काफी खराब हो चुके हैं। तालिबानी खौफ की वजह से लोग अपनी जान बचाकर भाग रहे हैं और दूसरे देशों में शरण ले रहे हैं। ऐसे संकट के समय अफगानिस्तान में फंसे हजारों भारतीय नागरिकों सहित वहां के सिखों के लिए प्रधानमंत्री मोदी देवदूत बनकर सामने आए। भारतीय विदेश मंत्रालय और भारतीय वायुसेना के प्रयासों की बदौलत श्री गुरु ग्रंथ साहिब की 3 प्रतियों को सुरक्षित काबुल एयरपोर्ट तक पहुंचाया गया।

मोदी सरकार के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने 05 अगस्त, 2021 को सिख दंगा पीड़ितों के लिए एक पुनर्वास पैकेज की घोषणा की। इसमें प्रत्येक मृतक के आश्रितों को 3.50 लाख रुपये और घायलों को 1.25 लाख रुपये देने का प्रावधान किया गया। इस पुनर्वास पैकेज में मृतकों के विधवाओं और बुजुर्ग परिजनों को 2500 रुपये मासिक पेंशन देने शामिल था। यह पेंशन उन्हें जीवनभर मिलेगी। पेंशन पर होने वाला खर्च राज्य सरकार द्वारा उठाया जाएगा। 2021-22 के केंद्रीय बजट में इसके लिए 4.5 करोड़ रुपये का प्रावधान भी किया गया था।

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