Friday, March 29, 2024
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मध्यप्रदेश में ये 4 चेहरे PFI के,आतंकवाद ,जिहाद और क्या क्या????

PFI पर NIA की रेड मामले में NIA को 4 आरोपियों की रिमांड मिल गई है।  विषेश कोर्ट ने NIA को चारों आरोपियों को 7 दिन की रिमांड पर 30 तारीख तक के लिए भेजा है।  भोपाल में पीएफ़आई के चार आरोपियों को जेपी अस्पताल में मेडिकल जांच के बाद ATS की कड़ी सुरक्षा घेरे में लाया गया। इन सभी पर UAPA के तहत मामला दर्ज किया गया है। आरोपियों में अब्दुल करीम पिता अब्दुल रहीम, अब्दुल जमील पिता अब्दुल अजीज, अब्दुल खालेक पिता अब्दुल कयूम, मोहम्मद जावेद पिता मोहम्मद साबिर शामिल हैं। आरोपियों पर धारा Ipc 121A,153A,120B,13(1)B,18 UAPA Act के तहत मामला दर्ज किया गया है।

जगह-जगह मीटिंग करते थे

यह पीएफआई के सदस्य प्रदेशभर में जगह-जगह मीटिंग कर आपत्तिजनक साहित्य बांटने और देश विरोधी गतिविधियों के लिए लोगों को तैयार कर रहे थे। एनआईए और एमपी एटीएस ने इंदौर उज्जैन से पीएफआई के 4 मेंबरों को गिरफ्तार किया था। भोपाल एटीएस थाने में आरोपियों पर आईपीसी 121ए, 153ए, 120बी, धारा 13[1बी], 18 यूएपीए एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की गई। आरोपियों के पास से बड़ी संख्या में इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, देश विरोधी दस्तावेज और डिजिटल दस्तावेज बरामद हुए हैं। इनका मकसद लोगों को भड़का कर भारत में इस्लामिक शरिया कानून कायम करना था। सभी आरोपियों के खिलाफ पहले भी इंदौर उज्जैन में अपराध दर्ज हो चुके हैं।

यहां के रहने वाले हैं आरोपी

अब्दुल करीम बेकरी वाला निवासी इंदौर पीएफआई का प्रदेश अध्यक्ष है। वहीं अब्दुल खालिद निवासी इंदौर पीएफआई का जनरल सेक्रेटरी है। मोहम्मद जावेद निवासी इंदौर पीएफआई का प्रदेश कोषाध्यक्ष है। जमील शेख निवासी उज्जैन पीएफआई का प्रदेश सचिव है। भोपाल में पीएफ़आई के चार आरोपियों को जेपी अस्पताल में मेडिकल जांच के बाद ATS की कड़ी सुरक्षा घेरे में लाया गया। इनमें से तीन आरोपियों को इंदौर से तो एक को उज्जैन से पकड़ा गया था

 

NIA ने केरल में आतंकी संगठन पीएफआई के सभी ठिकानों पर रेड मारी है. भारतीय जांच एजेंसियों ने गुरुवार को PFI से जुड़े देशभर से कम से कम 106 लोग को गिरफ्तार किया था.

बता दें कि एनआईए की इस रेड से पीएफआई एकदम घबरा गया है और NIA की रेड का विरोध कर रहा है. लेकिन यहां एक बड़ा खुलासा हुआ है… दरअसल, पीएफआई को NIA रेड के बारे में पहले से ही भनक हो गई थी जिससे उन्होंने पहले से ही अपना प्लान ‘बी’ तैयार कर लिया था.

आतंकी संगठन पीएफआई के प्लान बी के मुताबिक उत्तर प्रदेश में पीएफआई ने एजेंसियों के एक्शन से बचने के लिए नए नाम से कई विंग तैयार कर लिए हैं. जिसमें कई नाम शामिल है जैसे कि- सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया, राष्ट्रीय महिला मोर्चा, कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया, अखिल भारतीय इमाम परिषद, अखिल भारतीय कानूनी परिषद, रिहैब इंडिया फाउंडेशन और नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट ऑर्गनाइजेशन हैं. इन संगठनों को सरकारी एजेंसियों के प्रतिबंध से बचने और एजेंडा फैलाने के लिए तैयार किया गया है.

जानकारी के मुताबिक PFI के तमाम लीडर्स को इस कार्रवाई की भनक पहले से थी. लिहाजा तैयारी भी उसी हिसाब से की गई थी. पीएफआई के लीडर्स ने भारतीय जांच एजेंसियों को गच्चा देने के लिए पहले से कई अन्य शाखाएं शुरू कर दी थी.

खुलासा हुआ है कि आतंकी संगठन पीएफआई ने अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए पहले ही इन संगठनों को तैयार कर लिया था. इन तमाम अलग-अलग विंग के जरिए पीएफआई जांच एजेंसियों की आंखों में धूल झोंक कर अपने देश-विरोधी मंसूबों को अंजाम देने में जुटी हुई है. इन तमाम शाखाओं का मकसद है, जांच एजेंसियों की नजरों से बचकर हिंदुस्तान के तमाम शहरों में आतंक के अपने एजेंडे को बढ़ाना.

हालांकि इसकी भनक जैसे ही एजेंसियों को लगी तो उन्होंने इसका पर्दाफाश कर दिया. एनआईए की तैयारियों से साफ है कि साजिश करने वाले इस संगठन का कोई सिरा वो छोडना नहीं चाहते. बता दें कि एजेंसी ने देश के 15 राज्यों में पीएफआई के 93 ठिकानों पर छापेमारी की है और बड़ी संख्या में आतंकी गतिविधियों में लिप्त लोगों की गिरफ्तारियां की हैं. छापेमारी के दौरान कई जगहों से धारदार हथियार मिले हैं. सूत्रों के मुताबिक, ये इस्लामी संगठन आज जुमे की नमाज की आड़ में विरोध प्रदर्शन आयोजित कर सकता है.

बता दें कि PFI का पूरा नाम पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया है जो कि सोशल वर्क के नाम पर धन जुटाता है. उन पैसों का इस्तेमाल पीएफआई समाज विरोधी और देश विरोधी प्रचार और अपने कट्टरपंथी विचारों को बढ़ावा देने के लिए स्कूलों, कॉलेजों, मदरसों और मुस्लिम बहुल मोहल्लों में नौजवानों का ब्रेनवॉश कर प्रतिबंधित संगठनों में भर्ती कराने का भी काम करता है.

आतंकी संगठन पीएफआई साउथ इंडिया में 200 से ज्यादा आतंकवादियों को ट्रेनिंग दे चुका है, जिसका मकसद इन्हें गैर-मुस्लिमों के खिलाफ दंगों के दौरन ह्यूमन मिसाइल के तौर पर इस्तेमाल करना है. पीएफआई अपने सदस्यों को न सिर्फ कट्टरपंथ बल्कि उन्हें किस तरह से हिंसा फैलाना है, इस बात की भी ट्रेनिंग देता है.

PFI अलग अलग तरीके से जुटाये हुए फंड का इस्तेमाल UAPA के केस में बंद आरोपियों की मदद के लिए भी करता था. जानकारी के मुताबिक, पीएफआई के टारगेट पर कई बड़े नेता थे. इस संगठन का मकसद नौजवानों को बरगला कर लश्कर-ए-तैयबा, AQIS (अल कायदा इन इंडियन सब-कॉन्टिनेंट) और ISIS (इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया) जैसे आतंकी संगठनों से जोड़ना था.

उज्जैन में PFI के ठिकानों परNIA की रेड

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पीएफआई के प्रदेश महासचिव जमील शेख गिरफ्तार

मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले में टेंडर फंडिंग मामले में देशभर में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की कार्रवाई चल रही है. जहां एमपी समेत देशभर में एनआईए ने पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से जुड़े सौ से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया है. इस छापेमारी में इनके पास डिजिटल उपकरण, दस्तावेज और नकदी बरामद की गई है. हालांकि, इसकी जांच-पड़ताल की जाएगी. दरअसल, नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) ने गुरुवार सुबह पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया और उससे जुड़े लिंक्स पर देशभर में छापेमारी की है.

वहीं, टेरर फंडिंग और ट्रेनिंग कैम्प चलाने के मामले में उज्जैन मे भी एनआईए की छापेमारी हुई है. यहां से पीएफआई के एक नेता को हिरासत में लिया गया है. जहां उज्जैन में पीएफआई के प्रदेश महासचिव जमील शेख को हिरासत में लिया गया है. ऐसे में एनआईए ने टेरर फंडिंग के हिसाब-किताब के अलावा उज्जैन से कई भड़काऊ साहित्य भी बरामद किए हैं. हालांकि एनआईए की कार्रवाई को लेकर पुलिस के आला अधिकारी अनभिज्ञता जता रहे हैं. इस मामले पर जिले के आईजी संतोष सिंह ने बताया कि उन्हें इस कार्रवाई की सूचना नहीं मिली है.

नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी ने गुरुवार सुबह 3.30 बजे से 10 राज्यों में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के कई ठिकानों पर छापेमारी की है. इस कार्रवाई के तहत टीम ने उज्जैन में भी दबिश देकर पीएफआई के प्रदेश महासचिव जमील शेख को गिरफ्तार किया गया है. सूत्रों के मुताबिक इस रेड को एनआईए के करीब 200 अधिकारी अंजाम दे रहे हैं. इसी स्पेशल टीम के अधिकारियों ने रात 3.30 बजे उज्जैन के आगर रोड़ स्थित गांधीनगर में रहने वाले जमील शेख के घर पर दबिश देकर गिरफ्तार किया है. कार्रवाई के बाद सुबह तक जमील वापस नहीं लौटा है. हालांकि, पुलिस ने भी इस कार्रवाई को लेकर कुछ सटीक जानकारी होने से इंकार किया. एनआईए ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के लीडरों के खिलाफ सीधी कार्रवाई की है. जमील की गिरफ्तारी के बाद उसके परिजन गांधीनगर स्थित घर पर ताला लगाकर एटलस चौराहा के समीप पीरु की मस्जिद के पीछे वाली गली में स्थित घर पर आ गए. यहां आसपास के स्थानीय लोगों ने बताया कि जमील को रात के अंधेरे में 10 मिनट का बोलकर ले गए थे. जिसका अब तक कोई पता ठिकाना नहीं है. बता दें कि, जमील पीएफआई का प्रदेश महासचिव बताया जा रहा है.

पहले भी दर्ज हो चुके हैं PFI सदस्यों पर केस

बता दें कि, पीएफआई के सदस्य उज्जैन में काफी सक्रिय रहे हैं. जहां बीते 17 फरवरी 2021 को पीएफआई के सदस्यों ने एटलस चौराहे पर संगठन का स्थापना दिवस मनाया था. इस दौरान संगठन का झंडा फहराया गया था. ऐसे में कोविड प्रोटोकाल तोड़ने के कारण पुलिस ने पीएफआई के सदस्यों पर केस भी दर्ज किया था. इस तरह नवंबर 2021 में भी पीएफआई के 6 सदस्यों पर केस दर्ज किए गए थे. सदस्यों ने त्रिपुरा हिंसा के विरोध में कलेक्टर आशीष सिंह को ज्ञापन दिया था. ज्ञापन में आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया गया था. इस पर माधवनगर पुलिस ने धारा 188, 505 (1) सी, 505 (2), 295 ए, 153 ए में केस दर्ज किया था. हालांकि इन धाराओं में 7 साल से कम सजा होने पर सभी को थाने से ही नोटिस देकर छोड़ दिया गया था.

इंदौर में भी एनआईए की टीम ने दबिश दी है. दबिश के दौरान इंदौर से एनआईए की टीम ने 3 लोगों को हिरासत में लिया और दिल्ली के लिए रवाना हो गई है. इंदौर में एनआईए की टीम ने पीएफआई के प्रदेश अध्यक्ष अब्दुल करीम बेकरी वाला अब्दुल जावेद और रफीक को हिरासत में लिया है.

अब्दुल करीम बेकरीवाला पहले प्रतिबंधित संगठन सिमी के कार्यकर्ता हुआ करता था. प्रदेश सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया तो उसके बाद अब्दुल करीम ने पीएफआई ज्वाइन कर ली और इसका प्रदेश अध्यक्ष बन गया. अब्दुल करीम का मुख्य काम बेकरी का है और इंदौर के सदर बाजार और छिपा बाखल में बड़ी बेकरी की दुकान भी है. बेकरी व्यवसाय की आड़ में ही अब्दुल करीम बेकरीवाला पीएफआई के लिए फंडिंग व अन्य तरह के कामकाज करता था.

जावेद एवं रफीक पीएफआई के कार्यकर्ता हैं

इसी तरह से अब्दुल जावेद एवं रफीक पीएफआई के कार्यकर्ता हैं. वहीं, प्रदेश अध्यक्ष अब्दुल करीम पीएफआई को प्रदेश में संगठित करने के लिए काम करता था. फंडिंग की व्यवस्था अब्दुल के द्वारा की जा रही थी.

सभी को साथ ले गई एनआईए

देर रात एनआईए की टीम ने सदर बाजार और छिपा बाखल में इनके घरों पर दबिश दी और इनको पकड़ कर अपने साथ ले गई . वहीं, ऐसी उम्मीद है कि आने वाले दिनों में आरोपियों की निशानदेही पर एनआईए की टीम इंदौर के आसपास के क्षेत्रों में कई लोगों को भी हिरासत में ले सकती है.

इंदौर के कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा कि आज यह जानकारी लगी कि पीएफआई के संगठन के कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है. मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि देश मे कई जगह एनआईए की टीम ने करवाई की है. पूरे देश मे कई गिरफ्तारियां भी हुई हैं. यह विषय गंभीर है.

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