Friday, March 29, 2024
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10 राज्यों से 100 से ज्यादा गिरफ्तार, देश के लिए खतरा

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और उससे जुड़े लिंक पर देशभर में छापेमारी की है. टेरर फंडिंग और कैम्प चलाने के मामले में जांच एजेंसी ने छापा मारा है. बीते कुछ दिनों में एनआईए ने इस मामले में एक दर्जन से अधिक केस दर्ज किए हैं, जिसमें पीएफआई का लिंक मिला है. ईडी, एनआईए और राज्य पुलिस ने पीएफआई से जुड़े 100 से ज्यादा लोगों को अलग-अलग मामलों में गिरफ्तार किया गया है. ये गिरफ्तारियां 10 से ज्यादा राज्यों में हुई हैं.

एनआईए ने यूपी, केरल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु समेत कई राज्यों में पीएफआई और उससे जुड़े ठिकानों पर छापेमारी की है. एनआईए को भारी संख्या में पीएफआई और उससे जुड़े लोगों की संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी मिली, जिसके आधार जांच एजेंसी आज मैसिव क्रेकडाउन कर रही है. 10 से ज्यादा राज्यों में ईडी, एनआईए और राज्यों की पुलिस ने 100 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है. पीएफआई और उससे जुड़े लोगों की ट्रेनिंग गतिविधियों, टेरर फंडिंग और लोगों को संगठन से जोड़ने को लेकर ये अबतक का सबसे बड़ा एक्शन है.

दिल्ली और यूपी से भी हुईं गिरफ्तारियां
दिल्ली के शाहीन बाग और गाजीपुर से पीएफआई से जुड़े लोगों की गिरफ्तारी हुई है. इसके अलावा लखनऊ के इंदिरानगर से भी दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है. असम पुलिस ने भी प्रदेश से पीएफआई से जुड़े 9 लोगों को हिरासत में लिया है. एक पुलिस अधिकारी ने न्यूज एजेंसी को बताया है कि पुलिस और एनआईए ने संयुक्त रूप से गुवाहाटी के  हाटीगांव में अभियान शुरू किया और पीएफआई से जुड़े राज्यभर में 9 लोगों को हिरासत में लिया. तमिलनाडु के मदुरै, थेनी समेत कई जिलों में भी छापेमारी की गई है. वहीं केरल और कर्नाटक के कई जिलों में जांच एजेंसियों ने कार्रवाई की है. देर रात शुरू हुए ईडी, एनआईए और राज्यों की पुलिस के संयुक्त ऑपरेशन पर केंद्रीय गृह मंत्रालय लगातार नजर बनाए हुए हैं. हालांकि पीएफआई से जुड़े लोगों पर कार्रवाई के बाद बेंगलुरु और मंगलुरु में एसडीपीआई और पीएफआई कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किए हैं.

विरोधी आवाजों को दबा रही सरकार: PFI

एनआईए की रेड पर पीएफआई महासचिव अब्दुल सत्तार ने कहा कि फासीवादी शासन द्वारा विरोध की आवाजों को दबाने के लिए एजेंसियों का इस्तेमाल किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि शासन द्वारा किये जा रहे अत्याचारों का ताजा उदाहरण आधी रात को देखने में मिला, जब केंद्रीय एजेंसियों एनआईए और ईडी ने लोकप्रिय नेताओं के घरों में छापेमारी करना है. राष्ट्रीय, राज्य और स्थानीय स्तर के नेताओं के घर छापेमारी की जा रही है. राज्य समिति कार्यालय पर भी छापेमारी की जा रही है. फासीवादी शासन द्वारा विरोध की आवाजों को शांत करने के लिए एजेंसियों का इस्तेमाल करने के कदमों का कड़ा विरोध करें.

18 सितंबर को 23 जगहों पर रेड
इससे पहले 18 सितंबर को एनआईए ने आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में 23 जगहों पर रेड मारी थी. ये छापेमारी भी कराटे प्रशिक्षण केंद्र के नाम पर प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) का ट्रेनिंग कैंप चलाए जाने के मामले में की गई थी. एनआईए ने निजामाबाद, कुरनूल, गुंटूर और नेल्लोर जिले में रेड की थी. सूत्रों की मानें तो एनआईए ने उन्हीं स्थानों पर रेड की, जहां से आतंकी गतिविधियों के संचालन की जानकारी मिली थी.

दंगों के लिए तैयार कर रहा था कराटे टीचर
NIA ने कराटे टीचर अब्दुल कादिर पर शिकंजा कस दिया है. सूत्रों के मुताबिक अब्दुल कादिर और PFI पर आरोप है कि कराटे सिखाने की आड़ में मुस्लिम युवकों को दंगे की साजिश के लिए तैयार कर रहे थे. सूत्रों बताते हैं कि गिरफ्तार हुए लोगों के पास से हथियार भी बरामद हुए हैं. इन हथियारों का इस्तेमाल  ट्रेनिंग में किया जा रहा था. पकड़े गए लोगों से अधिकारी कराटे की ट्रेनिंग और अवैधानिक गतिविधियों के संबंध में पूछताछ कर रहे थे.

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