Thursday, April 25, 2024
Uncategorized

हत्या करना चाहता था प्रधानमंत्री मोदी की,कट्टर इस्लामिक संगठन

एनआईए ने एनआईए को लेकर बड़ा खुलसा किया है। पूछताछ में एक सदस्य ने बताया कि पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) संगठन के निशाने पर थे। इसके लिए उन्हें ट्रेनिंग भी दी गई थी।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (National Investigation Agency) ने गुरुवार को देश के कई राज्यों में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया ( Popular Front of India) के ठिकानों पर छापेमारी कर 100 से ज्यादा सदस्यों को गिरफ्तार किया था। एनआईए ने इस संगठन के आतंकियों से संबंध होने के शक में इतनी बड़ी कार्रवाई की थी। इसी बीच पीएफआई से जुड़े एक सदस्य ने पूछताछ में बड़ा खुलासा किया है।

इस सदस्य ने बताया कि पीएम नरेंद्र मोदी ( Narendra Modi) संगठन के निशाने पर थे। इसके लिए ट्रेनिंग भी दी गई थी. साथ ही उसने बताया विदेशो से 200 करोड़ रूपये से ज्यादा संगठन को फंड भी मिला है। सदस्य ने आगे बताया इस प्लान को 12 जुलाई को पीएम नरेंद्र मोदी ( Narendra Modi) की पटना यात्रा के दौरान अंजाम दिया जाना था। इसके लिए उन्हें दौरान ट्रेनिंग (Training) भी दी गई थी कि कैसे माहौल को भड़काना है।

उसने बताया हालांकि वह अपने प्लान को अंजाम नहीं दे पाए थे। क्योकि सुरक्षा एजेंसियों की कड़ी निगरानी के कारण वे अपनी योजनाओं को अंजाम नहीं दे सके थे। जानकारी के मुताबिक ये खुलासे करने वाले आरोपी का नाम शफीक पैठ है। वही जांच में पता चला है कि पिछले एक साल में ही पीएफआई (PFI) के खाते में 120 करोड़ रुपये जमा किए गए हैं। पैसे भेजने वालों की भी जांच की जा रही है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार संगठन के खाते में आए 120 करोड़ से अधिक की राशि नकद में जमा की गयी। यह करोड़ों की राशि न केवल भारत के कई क्षेत्रों से बल्कि विदेशों से भी जमा की गई है। संगठन से इन पैसों का देश विरोधी गतिविधियों में इस्तेमाल होने के सबूत भी मिले हैं। ईडी ने आरोप लगाया कि पीएफआई (PFI) ने विदेशों में धन एकत्र किया और उसे हवाला और अन्य माध्यमों से भारत भेजा।

ईडी ने कहा कि पैसा पीएफआई/सीएफआई और अन्य संबंधित संगठनों के सदस्यों, कार्यकर्ताओं या पदाधिकारियों के खातों के माध्यम से भी भेजा गया था। एजेंसी ने कहा कि विदेशों से प्राप्त पैसे को सरकारी एजेंसियों (government agencies) से छुपाया गया था और पीएफआई द्वारा इस तरह के फंड और दान जुटाने में नियमों का पालन नहीं किया गया था क्योंकि यह विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) के तहत पंजीकृत नहीं है।

Leave a Reply