Friday, April 26, 2024
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4 राज्यो में खूब प्रचार के बाद राहुल गांधी को करोना वायरस दिखा पश्चिम बंगाल में,पार्टी की दुर्गति और नदारद भीड़ का करोना

देश में तेजी से बढ़ते कोरोना संक्रमण (Coronavirus) के मामलों को देखते हुए कांग्रेस (Congress) नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने पश्चिम बंगाल में होने वाली अपनी सभी चुनावी रैलियों को रद्द करने का फैसला किया है. इसके साथ ही कांग्रेस नेता ने सभी राजनेताओं से अपील की है कि वह कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए अपनी-अपनी चुनावी रैलियों को रद्द करने पर विचार करें.
राहुल गांधी ने इस संबंध में एक ट्वीट करते हुए कहा, ‘कोविड संकट को देखते हुए मैंने पश्चिम बंगाल की अपनी सभी रैलियां रद्द करने का निर्णय लिया है. राजनैतिक दलों को सोचना चाहिए कि ऐसे समय में इन रैलियों से जनता व देश को कितना ख़तरा है.’
राहुल गाँधी अब नहीं करेंगे चुनावी रैली: 4 राज्य में जम कर की जनसभा, बंगाल में हार देख कोरोना का बहाना?

सभी चुनावी राज्यों में रैलियों को संबोधित करने के बाद राहुल गाँधी ने सोशल मीडिया के माध्यम से यह घोषणा की कि अब वह पश्चिम बंगाल में किसी भी चुनाव रैली में शामिल नहीं होंगे। उन्होंने ट्विटर के माध्यम से इसकी जानकारी दी।

राहुल गाँधी ने कोविड-19 की खराब होती परिस्थितियों का हवाला देते हुए कहा कि वह अब पश्चिम बंगाल में बचे तीन चरण के चुनाव में होने वाली अपनी सभी रैलियों को रद्द करते हैं। उन्होंने बाकी नेताओं से भी चुनावी रैलियों पर पुनर्विचार करने के लिए कहा है।

यहाँ ध्यान देने योग्य बात यह है कि अपनी बहन प्रियंका गाँधी वाड्रा के साथ राहुल ने कई राज्यों में कई चुनाव रैली की हैं जबकि कोरोनावायरस का संक्रमण तब भी बढ़ ही रहा था।

4 अप्रैल को 2021 को राहुल गाँधी ने केरल में एक चुनाव रैली को संबोधित किया था। केरल सर्वाधिक संक्रमित मरीजों की संख्या में भारत में दूसरे स्थान पर है। 4 अप्रैल को केरल में 11 लाख से अधिक कुल संक्रमित मरीज और 28,000 सक्रिय मरीज थे। उसके बाद केरल में 18 अप्रैल को सक्रिय मरीजों की संख्या बढ़कर 80,000 हो गई।

तमिलनाडु में भी 28 मार्च 2021 को राहुल गाँधी की एक बड़ी जनसभा हुई। उस समय तमिलनाडु में कुल सक्रिय मरीजों की संख्या 13,070 थी। आज तमिलनाडु में सक्रिय मरीजों की संख्या लगभग 65,000 है।

इस वीडियो में प्रियंका गाँधी वाड्रा को असम से बिदाई देने के लिए कॉन्ग्रेस द्वारा जुटाई गई लोगों की भीड़ दिखाई दे रही है।

असम, तमिलनाडु, केरल और केंद्र शासित प्रदेश पुडुच्चेरी में चुनाव संपन्न हो चुके हैं।

पश्चिम बंगाल में कॉन्ग्रेस, लेफ्ट पार्टियों के साथ गठबंधन में है लेकिन उनके सरकार बनाने की संभावनाएँ न के बराबर हैं। आशंका तो यह भी व्यक्त की जा रही है कि कॉन्ग्रेस और उसके गठबंधन को 2016 के चुनावों से भी कम सीटें प्राप्त होंगी।

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